Ramayan Story: रामायण काल में राम और रवण के बीच बहुत ही भीषण युद्ध हुआ था. इस युद्ध में अधर्म पर धर्म की जीत हुई थी. युद्ध इतना भीषण था कि एक-एक कर रावण के सभी बलशाली योद्धा मारे गए थे. युद्ध की शुरुआत में तो रावण बहुत ही आत्मविश्वास से लबालब दिख रहा था लेकिन जैसे-जैसे यद्ध आगे बढ़ा रावण अपना धैर्य खोने लगा. एक समय ऐसा भी आया कि रावण को भान हो गया था कि युद्ध में वह मारा जाएगा लेकिन अपनी हट के आगे वह झुकने को तैयार नहीं था.
मंदोदरी की बात नहीं माना रावण
युद्ध में जाने से पहले एक दिन की बात है कि रावण की पत्नी मंदोदरी रावण को समझाने पहुंची. दरअसल, मंदोदरी चाहती थी कि रावण सीता को राम के पास लौटा दें और इस गलत कार्य के लिए भगवान राम से माफी मांग लें. ऐसा करने से न सिर्फ लंका सुरक्षित हो जाएगी बल्कि रावण के जितने भी योद्धा हैं सभी की जान बची रहेगी. लेकिन रावण किसी भी परिस्थिति में कुछ भी सुनने को तैयार नहीं था.
रावण ने बता दिया था कि राम कौन हैं
मंदोदरी की बातों को सुनकर रावण ने इशारों-इशारों में बता दिया था कि राम भगवान हैं. रामानंद सागर कृत रामायण सीरियल के अनुसार युद्ध में जाने से पहले रावण ने मंदोदरी को समझाते हुए गुस्से में कहा था कि यदि राम नर है तो वो आज मेरे हाथों मारा जाएगा. और यदि भगवान है तो रावण का वध करने में उसकी जितनी ख्याति होगी उतनी ही ख्याती युग-युगांतर तक रावण की भी होगी.
रावण की बात सुन रोने लगी थी मंदोदरी
रावण की ओर से हठ भरी बातों को सुनने के बाद मंदोदरी की आंखों से आंसू की धारा बहने लगा. लेकिन अपने बल के घमंड और आंखों पर अज्ञानता का पर्दा लगाए रावण को तनिक भी समझ में नहीं आया कि उसे अपनी पत्नी मंदोदरी की बात मान लेनी चाहिए. उल्टा मंदोदरी को ही समझा-बुझाकर शांत करवा दिया. मान्यताओं के मुताबिक मंदोदरी को पहले से पता था कि रावण का वध राम के हाथों होगा इसलिए वह चाहती थी की रावण को समझाकर अपने मांग को उजड़ने से बचा ले.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)