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सावन पूर्णिमा के व्रत और स्‍नान-दान की अलग-अलग रहेगी तारीख, जान लें वरना हो जाएगी गड़बड़

Sawan Purnima 2025 vrat kab hai: सावन पूर्णिमा इस बार 2 दिन पड़ रही है, जिससे व्रत का दिन अलग रहेगा और स्‍नान-दान का दिन अलग होगा. जानिए सावन पूर्णिमा की तिथि और स्‍नान-दान का सबसे शुभ मुहूर्त. 

सावन पूर्णिमा के व्रत और स्‍नान-दान की अलग-अलग रहेगी तारीख, जान लें वरना हो जाएगी गड़बड़
Shraddha Jain|Updated: Aug 07, 2025, 06:43 AM IST
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Sawan Purnima 2025 Snan Daan: सावन महीना का आखिरी दिन होता है, सावन पूर्णिमा का दिन. सावन पूर्णिमा का दिन विशेष होता है क्‍योंकि इसी दिन रक्षाबंधन का त्‍योहर मनाया जाता है. भाई-बहन का यह पर्व हिंदू धर्म के प्रमुख त्‍योहारों में से एक है. साथ ही कई श्रद्धालु पूर्णिमा व्रत रखते हैं. इसके अलावा प्रत्‍येक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्‍नान किया जाता है. साथ ही पूर्णिमा के दिन दान करना अत्‍यंत पुण्‍यदायी होता है. इस साल सावन पूर्णिमा 2 दिन पड़ने से लोगों में असमंजस है कि पूर्णिमा व्रत कब रखा जाएगा और स्‍नान दान करना कब उचित होगा. 

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सावन पूर्णिमा 2025 तिथि 

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन महीने की पूर्णिमा तिथि 8 अगस्त को दोपहर में 2 बजकर 13 मिनट पर प्रारंभ होगी और इसका समापन 9 अगस्त को दोपहर में 1 बजकर 25 मिनट पर होगा. पूर्णिमा तिथि का व्रत उस दिन रखा जाता है जिस दिन शाम के समय पूर्णिमा तिथि हो. लिहाजा सावन पूर्णिमा का व्रत 8 अगस्त, शुक्रवार को रखा जाएगा. लेकिन रक्षाबंधन पर्व उदयातिथि के अनुसार 9 अगस्‍त को मनाया जाएगा. 

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सावन पूर्णिमा स्‍नान-दान मुहूर्त 

सावन पूर्णिमा के दिन स्नान और दान ब्रह्म मुहूर्त में करना बहुत ही शुभ माना जाता है, लिहाजा स्‍नान-दान 9 अगस्‍त को किया जाएगा क्‍योंकि 9 अगस्‍त की सुबह ही पूर्णिमा तिथि व्‍याप्‍त रहेगी. 9 अगस्‍त को स्‍नान दान के लिए सबसे शुभ मुहूर्त ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4 बजकर 22 मिनट से लेकर सुबह 5 बजकर 04 मिनट तक रहेगा. 

श्रावण पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले किसी पवित्र नदी में स्नान करें. यदि ऐसा संभव ना हो तो घर में ही नहाने के पानी में पवित्र नदी का जल मिलाकर स्‍नान करें. फिर भगवान सत्यनारायण की पूजा करें. उन्‍हें पीले फल और फूल अर्पित करें. भगवान सत्यनारायण की कथा पढ़ें. साथ ही इस दिन भगवान शिव की पूजा जरूर करें, क्‍योंकि यह शिव के पवित्र महीने सावन का आखिरी दिन होता है. पापों से मुक्ति और धन-संपत्ति में वृद्धि के लिए पूर्णिमा के दिन सफेद वस्त्र, चावल, चीनी आदि का दान करें. 

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(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

 

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