Sawan First Somwar 2025: भगवान शिव को समर्पित सावन का महीना जप, तप, ध्यान और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है. खासकर सोमवार के दिन शिव पूजा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि सोमवार चंद्र ग्रह का दिन है और चंद्रमा के अधिपति स्वयं महादेव हैं. इसलिए सावन में सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा करने से चंद्र दोष दूर होता है और शिव कृपा सहज ही प्राप्त होती है. मान्यता है कि सावन के प्रत्येक सोमवार को विधिपूर्वक व्रत और पूजा करने से जीवन की तमाम बाधाएं दूर होती हैं और इच्छाएं पूर्ण होती हैं. आइए जानते हैं कि इस बार सावन का पहला सोमवार कब है, पूजन का शुभ मुहूर्त, पूजा-विधि और कुछ शक्तिशाली उपाय क्या हैं.
कब है सावन का पहला सोमवार?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष सावन का पहला सोमवार 14 जुलाई 2025 को पड़ रहा है. मान्यता है कि इसी दिन मां पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए सोलह सोमवार व्रत शुरू किया था. यह सोमवार विवाह, संतान और सुख-शांति की कामनाओं के लिए विशेष फलदायी होता है.
सावन सोमवार का महत्व
सावन के सोमवार को शिव की आराधना करने से विवाह में आ रही अड़चनें दूर होती हैं. कुंडली में आयु या स्वास्थ्य संबंधी दोष हो तो यह पूजा लाभकारी होती है. इस दिन शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और दूध अर्पण करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है. यह दिन मानसिक तनाव, शत्रु बाधा और पितृ दोष निवारण के लिए भी उत्तम माना जाता है.
सावन सोमवार व्रत और पूजा विधि
प्रातः ब्रह्ममुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें.
नंगे पांव शिव मंदिर जाएं और घर से जल भरा लोटा साथ ले जाएं.
शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी व शक्कर से रुद्राभिषेक करें.
फिर बेलपत्र, भस्म, चंदन, धतूरा, भांग और सफेद फूल अर्पित करें.
‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करें.
दिनभर फलाहार करें और संयम रखें.
शाम में फिर से शिव मंत्र का जाप करें और शिव आरती करें.
अगले दिन अन्न, वस्त्र और दक्षिणा का दान करें और व्रत पूर्ण करें.
सावन सोमवार के लिए शुभ मुहूर्त
ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 4:12 से 4:53 तक
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:00 से 12:55 तक
विजय मुहूर्त- दोपहर 2:46 से 3:41 तक
शिवलिंग पर क्या चढ़ाएं?
गंगाजल, दूध, दही, शहद, घी, शक्कर, बेलपत्र, धतूरा, भांग, चावल, चंदन, रुद्राक्ष, भस्म, सफेद फूल इत्यादि. यह सभी सामग्रियां भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं. इन्हें चढ़ाने से शुभ फल प्राप्त होता है और भाग्य का द्वार खुलता है.
शिवलिंग पर क्या न चढ़ाएं?
हल्दी, सिंदूर, तुलसी, कुमकुम, रोली, लाल फूल, केतकी/केवड़े के फूल, शंख से जल. शिवपुराण के अनुसार ये चीजें शिव पूजा में निषिद्ध हैं. इसलिए शिव पूजन में कभी भी इन चीजों का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
सावन सोमवार के विशेष उपाय
प्रदोष काल (शाम का समय) में शिवलिंग पर जल और बेलपत्र की धारा चढ़ाएं.
शिव मंदिर में एक घी का दीपक जलाएं.
शिवलिंग की तीन बार परिक्रमा करें.
शांत मन से मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करें.
यदि संभव हो तो इस दिन "महामृत्युंजय मंत्र" का जप अवश्य करें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)