Laddu Gopal Seva Niyam: लड्डू गोपाल भगवान कृष्ण का बाल रूप है. भगवान के इस मनमोहक रूप की पूजा को सेवा कहते हैं क्यों कि एक बच्चे की तरह लड्डू गोपाल की सेवा करने का विधान है. भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा अर्चना सेवा करने के नियम हैं. जिनका पालन जरूर करना चाहिए. मान्यता है कि जिस घर में लड्डू गोपाल की सेवा होती है वहां पर हमेशा सुख समृद्धि का वास होता है. लड्डू गोपाल की सेवा को लेकर एक प्रश्न हमेशा लोगों के मन में होता है कि क्या पीरियड्स में यानी मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को लड्डू गोपाल की सेवा करनी चाहिए. आइए इस बारे में विस्तार से जानें.
मासिक धर्म में गोपाल जी की भक्ति
शास्त्रों के अनुसार रजस्वला यानी मासिक धर्म में स्त्री एक प्राकृतिक चक्र के कारण उस स्थिति में होती है, न कि किसी दोष से, ऐसे में इस दौरान शारीरिक विश्राम की करना चाहिए न कि भगवान की भक्ति से दूर होना चाहिए. इस समय कुछ विशेष नियमों के तहत लड्डू गोपाल की भक्ति की जा सकती है.
गोपाल जी के लिए ध्यान और भाव
नारद पुराण व भविष्य पुराण की मानें तो कोई व्यक्ति शारीरिक रूप से अगर गोपाल जी की या किसी और भगवान की पूजा नहीं कर पा रहा है तो मन, भाव और स्मरण से भगवान का ध्यान कर सकता है. शारीरिक पूजा के जितना ही मानसिक ध्यान का पुण्य प्राप्त होगा. ऐसे में महिलाएं मासिक धर्म में मानसिक रूप से लड्डू गोपाल की पूजा और ध्यान करें.
मासिक धर्म में गोपाल जी की सेवा कैसे करें
सामाजिक परंपराएं हैं कि मासिक धर्म के दिनों में लड्डू गोपाल की संध्या आरती से लेकर उनके भोग, वस्त्र धारण से लेकर गोपाल जी का श्रृंगार आदि सेवा महिला को नहीं करनी चाहिए. इस दौरान घर के दूसरे सदस्यों को लड्डू गोपाल की सेवा करनी चाहिए.
मासिक धर्म में कैसे करें भगवान की भक्ति
मासिक धर्म में महिलाएं मन ही मन भगवान का ध्यान करते रहे और भजन, नाम जाप आदि करें. शास्त्रों में मानसिक भक्ति का बहुत महत्व है और इसकी कोई मनाही नहीं है. हालांकि, इस संबंध में अपने आचार्य या गुरुदेव के निर्देशों का भी विशेष ध्यान रखें.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)