Shani Dev Ke Mantra: धार्मिक मान्यता है कि जो जातक सच्चे मन से न्यायाधीश और कर्म फलदाता शनि देव की पूजा आराधना करते हैं उन पर से शनि दोष खत्म हो जाता है और जातक शनि दोष की समस्याओं से पार पा लेते हैं. ज्योतिष अनुसार शनि चालीसा का पाठ करने से शनि की साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा का प्रभाव कम होने लगता है. हालांकि शनि चालीसा का नियम अनुसार पाठ करना चाहिए. इतना ही नहीं अगर शनि की बुरी दृष्टि से जूझ रहे हैं तो आपको शनिदेव के कुछ शक्तिशाली मंत्रों का जाप तो करना ही चाहिए क्योंकि ये मंत्र शनि के बुरे प्रभावों को, साढ़ेसाती, ढैय्या और महादशा के प्रभावों को कम या ना के बराबर कर सकते हैं. इससे आइए शनि चालीसा के पाठ के नियम और शनिदेव के मंत्रों को जानें.
शनि चालीसा के पाठ के नियम
शनि चालीसा का पाठ शनिवार के दिन करना अति शुभ माना गया है.
शनि चालीसा के पाठ के समय अपने मन को शांत रखें.
शनि चालीसा के पाठ करने वालों को किसी के बारे में गलत नहीं सोचना चाहिए.
हमेशा सच्चे मन से शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए.
शनिवार को अगर शनि चालीसा के पाठ कर रहे हैं तो तामसिक भोजन न करें.
शनि चालीसा के पाठ के समय किसी से बहस या झगड़ा न करें.
शनि देव के शक्तिशाली मंत्र
शनि बीज मंत्र
"ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।"
शनि पत्नी नाम मंत्र
"ध्वजिनी धामिनी चैव कंकाली।"
"कंटकी कलही चाथ तुरंगी महिषी अजा।।"
"शनेर्नामानि पत्नीनामेतानि संजपन पुमान्।"
"दुःखानि नाशयेन्नित्यं सौभाग्यमेधते सुखम।।"
शनि वैदिक मंत्र
"ॐ शन्नो देवी रभिष्टय आपो भवन्तु पीपतये शनयो रविस्र वन्तुनः।।"
तांत्रिक शनि मंत्र
"ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।"
शनि गायत्री मंत्र
"ॐ भग-भवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात्।"
"ॐ भगभवाय विद्महे मृत्युरूपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोदयात्।।"
(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
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