Shardiya Navratri 2024 Navami: शारदीय नवरात्रि का पावन त्योहार पूरा देश धूमधाम से मना रहा है. नवरात्रि के 9 दिन मां दुर्गा के अलग-अलग 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है. नवरात्रि का नौवां दिन मां सिद्धिदात्री को समर्पित होता है. धार्मिक मान्यता है कि जो भी व्यक्ति श्रद्धभाव से माता के इस स्वरूप की पूजा करता है तो उसे सभी सिद्धियों प्राप्त होती हैं. इसके अलावा सभी बिगड़े काम पूरे होते हैं और आर्थिक संकट दूर हो जाता है.
शारदीय नवरात्रि 2024 नवमी तिथि
वैदिक पंचांग के अनुसार नवमी तिथि की शुरुआत 11 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 6 मिनट पर होगी. वहीं, इसका समापन अगले दिन 12 अक्टूबर को 10 बजकर 58 मिनट पर होगा.
पूजा विधि
- नवमी तिथि पर सुबह उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े धारण करें.
- माता की तस्वीर पर फूल, अक्षत, कुमकुम आदि चीजें अर्पित करें.
- धूप-दीप जलाकर माता रानी की भक्ति भाव से पूजा करें.
- इसके बाद मां के मंत्रों, आरती, चालीसा का पाठ करें.
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किस चीज का भोग लगाएं
नवरात्रि की नवमी तिथि पर मां सिद्धिदात्री को पुरी, चने और हलवे का भोग लगाया जाता है. इस दिन कन्या पूजन भी होता है.
माता सिद्धिदात्री के मंत्र
- सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी॥
- वन्दे वांछित मनोरथार्थ चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
कमलस्थितां चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्वनीम्॥
मां सिद्धिदात्री स्तुति
या देवी सर्वभूतेषु माँ सिद्धिदात्री रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
मां सिद्धिदात्री ध्यान
वन्दे वाञ्छित मनोरथार्थ चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
कमलस्थिताम् चतुर्भुजा सिद्धीदात्री यशस्विनीम्॥
स्वर्णवर्णा निर्वाणचक्र स्थिताम् नवम् दुर्गा त्रिनेत्राम्।
शङ्ख, चक्र, गदा, पद्मधरां सिद्धीदात्री भजेम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वन्दना पल्लवाधरां कान्त कपोला पीन पयोधराम्।
कमनीयां लावण्यां श्रीणकटिं निम्ननाभि नितम्बनीम्॥
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मां सिद्धिदात्री की आरती
जय सिद्धिदात्री तू सिद्धि की दाता
तू भक्तों की रक्षक तू दासों की माता,
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि!!
कठिन काम सिद्ध कराती हो तुम
जब भी हाथ सेवक के सर धरती हो तुम,
तेरी पूजा में तो न कोई विधि है
तू जगदम्बे दाती तू सर्वसिद्धि है!!
रविवार को तेरा सुमरिन करे जो
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो,
तुम सब काज उसके कराती हो पूरे
कभी काम उसके रहे न अधूरे!!
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया
रखे जिसके सर पर मैया अपनी छाया,
सर्व सिद्धि दाती वो है भाग्यशाली
जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली!!
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा,
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता
वंदना है सवाली तू जिसकी दाता!!
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