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Sheetala Ashtami 2024: बसौड़ा 1 या 2 अप्रैल दूर करें कंफ्यूजन? शीतला अष्टमी पूजा के दौरान रखें इन 3 बातों का ध्यान

Basoda Puja 2024: शीतला अष्टमी को बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन विधि वाधान से पूजा-अर्चना करने और माता शीतला को बासी खाने का भोग लगाने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है और घर में सुख-शांती बनी रहती है.

 
sheetala shtami 2024
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shilpa jain|Updated: Apr 01, 2024, 06:51 AM IST
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Sheetala Ashtami 2024 Date: सनातन धर्म में होली के 7 दिन बाद शीतला अष्टमी मनाई जाने की परंपरा है. इसे बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां शीतला की पूजा-अर्चना की जाती है. साथ ही, मां को बासी खाने का भोग लगया जाता है. बता दें कि शीतला अष्टमी चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाई जाती है. इस बार शीतला अष्टमी पर्व 2 अप्रैल को मनाया जाएगा. 

वहीं, कुछ शीतला सप्तमी के दिन मां को बासी खाने को भोग लगाते हैं. शीतला सप्तमी 2 अप्रैल के दिन मनाई जाएगी. शास्त्रों के अनुसार मां शीतला अपने नाम के अनुसार ठंजर प्रदान करने वाली देवी हैं. होली के बाद ठंड के कम होने और मौसम में बदलाव होने के कारण इस पर्व को मनाए जाने की परंपरा है. कहते हैं कि ज्यादा गर्मी से त्वचा संबंधी रोगों का खतरा बन जाता है. इस कारण शीतला अष्टमी के दिन व्रत रखने से चेचक, चर्म रोग जैसी बीमारियों से छुटकारा मिलता है. 

बसौड़ा पूजन विधि (Bsoda Pujan Vidhi)

शीतला सप्तमी और शीतला अष्टमी दोनों ही दिन मां शीतला की पूजा की जाती है. कहते हैं कि अगर आप सूर्य निकलने से पहले बसौड़ा पूज लेते हैं, तो इसका महत्व और और ज्यादा बढ़ जाता है.इस दिन सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि करके मां शीतला के मंदिर जाएं. विधि विधान के साथ पूजा करें. कुछ लोग होलिका दहन वाली जगह पर भी बसौड़ा पूजते हैं. बता दें कि शीतला माता को पहले जल अर्पित कर, गुलाल, कुमकुम, आदि चीजें अर्पित करें. इसके बाद उन्हें भोजन जैसे पूडे, मीठे चावल, खीर, मिठाई आदि का भोग लगाएं. 

इन 3 बातों का रखें खास ख्याल 

- ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां शीतला को इस दिन बासी खाने का ही भोग लगाया जाता है. 

- इसके साथ ही, शीतला मां की पूजा के दौरान उन्हें धूप, अगरबत्ती नहीं जलाएं. 

- कहते हैं कि शीतला माता की पूजा में अग्नि को शामिल नहीं करना चाहिए. 

बता दें कि मंदिर या होलिका दहन स्थल पर पूजा करने के बाद अपने घर के प्रवेश द्वार के बाहर स्वास्तिक जरूर बनाएं. 

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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