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जन्‍माष्‍टमी कब है, 15 अगस्‍त या 16 अगस्‍त? बाल गोपाल की पूजा के लिए मिलेगा बस 43 मिनट का मुहूर्त

Shri Krishna Janmashtami 2025: भगवान श्रीकृष्‍ण का जन्‍मोत्‍सव पर्व जन्‍माष्‍टमी साल 2025 में कब मनाया जाएगा? जानिए इसकी सही तारीख और श्रीकृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी पूजा मुहूर्त. 

जन्‍माष्‍टमी कब है, 15 अगस्‍त या 16 अगस्‍त? बाल गोपाल की पूजा के लिए मिलेगा बस 43 मिनट का मुहूर्त
Shraddha Jain|Updated: Aug 06, 2025, 08:57 AM IST
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Krishna Janmashtami 2025 kab hai: भाद्रपद महीने के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी तिथि को भगवान कृष्‍ण का जन्‍म हुआ हुआ था. मान्‍यता है कि भगवान कृष्‍ण का जन्‍म आधी रात को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. यही वजह है कि जन्‍माष्‍टमी पर्व आधी रात को मनाया जाता है, इसी समय बाल गोपाल या लड्डू की पूजा की जाती है. इस साल जन्‍माष्‍टमी मनाने की सही तारीख क्‍या है और पूजा के लिए कितना समय मिलेगा, आइए जानते हैं. 

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श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 कब है?

पंचांग के अनुसार भाद्रपद कृष्ण अष्‍टमी यानी कि जन्‍माष्‍टमी तिथि 15 अगस्त की देर रात 11 बजकर 49 मिनट से 16 अगस्‍त की रात 9 बजकर 34 मिनट तक रहेगी. 16 अगस्‍त, शनिवार को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाई जाएगी.

कृष्ण जन्माष्टमी 2025 पूजा मुहूर्त

कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त - 16 अगस्‍त की रात 12 बजकर 4 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक रहेगा. 

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कृष्ण जन्माष्टमी पूजा समाग्री लिस्ट 

जन्‍माष्‍टमी की रात भगवान कृष्‍ण का डंठल वाले खीरे के बीच से होता है. इसलिए कृष्‍ण जन्‍माष्‍टमी की पूजा सामग्री लिस्‍ट में खीरे को जरूर शामिल करें. इसके अलावा चौकी, पीला कपड़ा, दीपक, घी, शहद, दूध, बाती, गंगाजल, दीपक, दही, धूपबत्ती, अक्षत, तुलसी का पत्ता, फल, मिठाई, मिश्री और मिश्री समेत आदि भी शामिल करें. साथ ही भगवान के नए वस्‍त्र, आभूषण, मोर पंख, मुकूट आदि भी लाएं. 

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जन्माष्टमी पूजा विधि 

कृष्‍ण जन्माष्टमी के दिन, भगवान कृष्ण के बाल रूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. सुबह बाल गोपाल की पूजा करने के बाद रात में शुभ मुहूर्त में कान्‍हा की पूजा जरूर करें. इसके लिए पहले से ही पूजा स्थल को साफ कर लें. फिर एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उस पर लड्डू गोपाल की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. उनका गंगाजल से अभिषेक करें, नए वस्त्र पहनाएं, चंदन, रोली और अबीर से श्रृंगार करें. फिर, फल, मिठाई, माखन-मिश्री, धनिया पंजीरी और अन्य भोग लगाएं. बाल गोपाल को झूला झुलाएं. आरती करें और सभी को प्रसाद बांटें. 

(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

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