Stair Vastu Tips: घर बनवाते समय वास्तु शास्त्र के नियमों की अनदेखी करना वास्तु दोष का कारण बन सकता है. वास्तु शास्त्र में घर की संरचना से जुड़े कई महत्वपूर्ण नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करने से सुख-समृद्धि और उन्नति प्राप्त होती है. इनमें से एक प्रमुख पहलू सीढ़ियों का सही स्थान, दिशा और संख्या है. वास्तु शास्त्र के जानकार बताते हैं कि घर की सीढ़ियों से जुड़ा वास्तु दोष इतना खतरनाक होता है कि सुख-समृद्धि और खुशहाली पर ग्रहण लग जाता है. ऐसे में चलिए वास्तु शास्त्र के अनुसार जानते हैं सीढ़ियों से जुड़े खास वास्तु नियम.
ब्रह्म स्थान में सीढ़ियां बनवाने से बचें
घर के ब्रह्म स्थान (मध्य भाग) में सीढ़ियां होना गंभीर वास्तु दोष माना जाता है. वास्तु शास्त्र के जानकार बताते हैं कि इससे घर की सकारात्मक ऊर्जा प्रभावित होती है, जिससे परिवार के सदस्यों की प्रगति रुक जाती है. इससे पेट और आसपास के अंगों से जुड़ी बीमारियां, तनाव और अशांति उत्पन्न हो सकती है. इस दोष से बचने का सबसे अच्छा उपाय है ब्रह्म स्थान में सीढ़ियां न बनवाना.
अगर ब्रह्म स्थान पर सीढ़ियां हैं तो क्या करें
यदि ब्रह्म स्थान के पास सीढ़ियां बन चुकी हैं, तो इस क्षेत्र में पीला रंग करवाना शुभ होता है. यहां पीले रंग का कमल स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. साथ ही, नियमित रूप से कपूर जलाना भी लाभकारी माना जाता है.
सीढ़ियों की उचित दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सीढ़ी बनाने के लिए दक्षिण, पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिशाएं सबसे शुभ मानी जाती हैं. उत्तर, पूर्व और उत्तर-पूर्व दिशाओं में सीढ़ियां बनवाने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे घर की उन्नति में बाधा आती है. विशेष रूप से घर के मुखिया पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.
कैसी होनी चाहिए घर की सीढ़ियां
सीढ़ियां हमेशा घड़ी की दिशा (Clockwise) में बनानी चाहिए. सीढ़ियों की संख्या हमेशा विषम (Odd Number) होनी चाहिए, जैसे 15, 17, 19 या 21. वास्तु शास्त्र के अनुसार, सीढ़ियों के नीचे किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकता है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)