Surya Grahan 2025 Kab Hai: ज्योतिषीय गणना के अनुसार, 29 मार्च को साल का पहला सूर्य ग्रहण लगा था. अब साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर दिन रविवार को लगने वाला है. ज्योतिर्विदों की मानें तो यह एक खंडग्रास सूर्य ग्रहण होगा, जो भारत में नहीं दिखेगा. ऐसे में आइए जानते हैं कि साल के आखिरी सूर्य ग्रहण का समय क्या है, सूतक काल मान्य होगा या नहीं और सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
कितने बजे लगेगा सूर्य ग्रहण?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, 21 सितंबर को लगने वाला सूर्य ग्रहण रात करीब 11 बजे से लेकर देर रात 3 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. साल के आखिरी सूर्य ग्रहण की कुल अवधि 4 घंटे की होगी.
क्या भारत में सूतक काल होगा मान्य?
वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगने से 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है. चूंकि, यह सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. इसलिए इसका सूतक का भी मान्य नहीं होगा.
कहां-कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण?
सूर्य ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, यूरोप, अफ्रीका, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका, प्रशांत-अटलांटिक महासागर आदि क्षेत्रों में दिखाई देगा. ध्यान रहे कि साल का आखिरी सूर्य भारत में दिखाई नहीं देगा.
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या करें
स्नान और ध्यान करें- ग्रहण से पहले और बाद में स्नान करना शुभ माना जाता है. ग्रहण के दौरान भगवान का ध्यान करें और मंत्र जाप करें.
मंत्र जाप और साधना करें- ग्रहण काल में किया गया मंत्र जाप और पूजा कई गुना फलदायी मानी जाती है. खासकर गायत्री मंत्र, आदित्य ह्रदय स्तोत्र या ॐ नमः शिवाय का जाप करें.
तुलसी पत्र डालें- ग्रहण के समय खाने-पीने की चीजों में तुलसी पत्र डालकर रखें ताकि वे दूषित न हों.
दान-पुण्य करें- ग्रहण समाप्त होने के बाद जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करना शुभ होता है.
ग्रहण के बाद स्नान करके पूजा करें- ग्रहण समाप्त होने पर घर की सफाई करें, स्नान करें और घर के मंदिर में दीप जलाकर भगवान की पूजा करें.
सूर्य ग्रहण के दौरान क्या न करें
भोजन न करें- ग्रहण के समय भोजन करना वर्जित माना गया है. गर्भवती महिलाओं और बीमार व्यक्तियों को विशेष छूट दी जाती है.
नींद या शयन न करें
ग्रहण काल में सोना अशुभ माना गया है. यह समय साधना और प्रार्थना के लिए उत्तम है.
धार्मिक क्रियाएं न करें (सामान्य पूजा छोड़कर)
ग्रहण के दौरान सामान्य पूजा-पाठ रोक दी जाती है। मंदिरों के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं.
नए काम की शुरुआत न करें
ग्रहण काल में कोई नया कार्य या शुभ कार्य (जैसे शादी, मुहूर्त, यात्रा आदि) आरंभ नहीं करना चाहिए.
धातु, बाल या नाखून न काटें- ग्रहण के समय शरीर से जुड़ी चीजें काटना अशुभ माना गया है.
गर्भवती महिलाएं विशेष ध्यान रखें
घर के भीतर रहें.
नुकीली या धारदार वस्तु का प्रयोग न करें.
पेट पर तुलसी या कुश रखें.
धार्मिक मंत्रों का जाप करें.
सूर्य ग्रहण में क्या करें और क्या नहीं.
सूर्य ग्रहण में विशेष रूप से ईष्ट देव का मंत्र जाप करना चाहिए. इस दौरान महामृत्युंजय मंत्र का जाप भी उत्तम माना जाता है.
ग्रहण काल में काटना, सिलना, बुनना या नुकीली चीजों का इस्तेमाल वर्जित माना गया है.
सूर्य ग्रहण में गर्भवती महिलाओं, बुजुर्गों और बीमार चल रहे लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)