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हे भगवान! पितृ पक्ष के 15 दिन में एक नहीं दो-दो ग्रहण, कैसे होगा श्राद्ध-तर्पण, पिंडदान?

Surya Grahan in Pitru Paksha 2025: हर साल भाद्रपद पूर्णिमा से अश्विन मास की अमावस्‍या तिथि तक पितृ पक्ष चलता है. इस साल इन 15 दिनों में 2 ग्रहण पड़ रहे हैं, जिससे श्राद्ध-तर्पण आदि अनुष्‍ठान कैसे होंगे, ये बड़ा सवाल लोगों के मन में है. 

हे भगवान! पितृ पक्ष के 15 दिन में एक नहीं दो-दो ग्रहण, कैसे होगा श्राद्ध-तर्पण, पिंडदान?
Shraddha Jain|Updated: Jul 03, 2025, 10:30 AM IST
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Chandra Grahan in Pitru Paksha 2025: पितृ पक्ष के 15 दिन पितरों को समर्पित हैं. मान्‍यता है कि इन 15 दिन में पितृ मृत्‍युलोक में आते हैं और अपनी क्षुधा शांत करते हैं. इसलिए लोग अपने पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए पितृ पक्ष में श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान करते हैं. इस साल 7 सितंबर से पितृ पक्ष प्रारंभ हो रहे हैं जो 21 सितंबर तक चलेंगे. इन 15 दिनों में साल के बचे हुए दोनों ग्रहण पड़ रहे हैं. यह चिंता का विषय है कि पितृ पक्ष जैसे महत्‍वपूर्ण समय में 2 ग्रहण - सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण पड़ रहे हैं. ऐसे में श्राद्ध कर्म आदि पितृ अनुष्‍ठान कैसे होंगे. 

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पितृ पक्ष की शुरुआत और अंत दोनों ग्रहण से 

हिंदू धर्म में ग्रहण को अच्‍छा नहीं माना जाता है, इस समय वातावरण में नकारात्‍मकता बढ़ जाती है. इसलिए सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण के दौरान कोई भी शुभ कार्य, पूजा-पाठ आदि नहीं किया जाता है. साथ ही यह भी देखा गया है कि जब एक ही पक्ष या 15 दिन में 2 ग्रहण लगते हैं, तो कई तरह की प्राकृतिक आपदाएं आती हैं. लोगों के जीवन में परेशानियां बढ़ जाती हैं. 

चंद्र ग्रहण 2025 - साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 7 सितंबर को लग रहा है और इसी दिन से पितृ पक्ष की शुरुआत हो रही है. यह चंद ग्रहण भारत में नजर आएगा, लिहाजा इसका सूतक काल भी मान्‍य होगा. चंद्र ग्रहण 7 सितंबर 2025 को रात 9 बजकर 58 मिनट से शुरू होगा और रात 1 बजकर 26 मिनट पर समाप्‍त होगा. 3 घंटे 28 मिनट के इस चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले ही दोपहर 12 बजकर 58 मिनट से सूतक काल प्रारंभ हो जाएगा. ऐसे में पितृ पक्ष के पहले दिन 12 बजकर 58 मिनट से पहले श्राद्ध-तर्पण आदि कर लें. 

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सूर्य ग्रहण 2025 - साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर को लग रहा है, इसी दिन सर्व पितृ अमावस्‍या है. पितृ पक्ष का समापन सर्व पितृ अमावस्‍या के दिन होता है. साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 21 सितंबर की रात 11 बजे शुरू होगा और 22 जुलाई की तड़के सुबह 3 बजकर 24 मिनट पर समाप्‍त होगा. यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर नहीं आएगा, जिससे इसका सूतक काल मान्‍य नहीं होगा. लिहाजा सर्व पितृ अमावस्‍या के दिन श्राद्ध आदि अनुष्‍ठानों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. 

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पितृपक्ष 2025 में श्राद्ध की तिथियां 

पूर्णिमा का श्राद्ध - 7 सितंबर 
प्रतिपदा का श्राद्ध - 8 सितंबर
द्वितीया का श्राद्ध - 9 सितंबर 
तृतीया और चतुर्थी का श्राद्धा - 10 सितंबर 
पंचमी का श्राद्ध - 11 सितंबर 
षष्ठी का श्राद्ध - 12 सितंबर 
सप्तमी का श्राद्ध - 13 सितंबर 
अष्टमी का श्राद्ध - 14 सितंबर 
नवमी का श्राद्ध - 15 सितंबर 
दशमी का श्राद्ध - 16 सितंबर 
एकादशी का श्राद्ध - 17 सितंबर 
द्वादशी का श्राद्ध - 18 सितंबर 
त्रयोदशी का श्राद्ध - 19 सितंबर 
चतुर्दशी का श्राद्ध - 20 सितंबर 
सर्वपितृ अमावस्या का श्राद्ध - 21 सितंबर 

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(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.) 

 

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