पूजा को ईश्वर से जुड़ने का तरीका माना जाता है. मान्यता के मुताबिक अगर कोई भी शख्स पूजा पाठ करता है तो उसे सांसारिक दुखों से मुक्ति मिलती है. मान्यताओं के मुताबिक भक्त पूजा करके ईश्वर की भक्ति करते हैं और कामना करते हैं कि उन्हें मनचाहा फल मिले. कई बार ऐसा होता है कि पूजा करते समय किसी व्यक्ति को रोना आ जाता है. ऐसे में कुछ लोग इसे शुभ समझते हैं तो कुछ लोगों को लगता है कि ऐसा होना अशुभ माना जाता है. तो चलिए आज आपको बताते हैं कि पूजा के दौरान रुलाई आने का क्या मतलब होता है.
पूजा के संकेत
ईश्वर यानि कि ईष्ट देव से लगाव और भक्ति के कारण पूजा करने के दौरान कुछ लोगों को आंसू आ जाते हैं. वहीं कुछ लोग पूजा करते-करते झपकियां लेने लग जाते हैं. कुछ को आती हैं छींके तो कुछ लेने लगते हैं जम्हाई. लेकिन क्या हैं पूजा के दौरान इनके संकेत यहां जानते हैं.
भगवान से लगाव है कारण
मान्यता के मुताबिक अगर किसी शख्स को पूजा के दौरान आंसू आ जाता है तो यह माना जाता है कि ईश्वर से लगाव के कारण ऐसा होता है. यानि कि भक्तों का भगवान के साथ इतना मजबूत रिश्ता हो जाता है कि वह उन्हीं की यादों में चले जाते हैं. ऐसे में पूजा के दौरान आंखों से आंसू आना अच्छा संकेत माना जाता है. आंसू आने का मतलब होता है कि भक्त पूजा के दौरान साफ और निश्छल मन से ईश्वर की आराधना कर रहा है. निश्छल मन से आराधना करने वाले भक्तों की मुराद जल्द पूरी करते हैं.
झपकियां लेना शुभ या अशुभ
वहीं अगर पूजा के दौरान लोग झपकियां लेने लगते हैं. ऐसे में यह माना जाता है कि शख्स पूरे मनोयोग और ध्यान के साथ पूजा कर रहा है. क्योंकि जब भी आप ध्यान में जाते हैं तो आप संसारिक चीजों से मुक्त होते हुए ईश्वर की शरण में चले जाते हैं. यानि कि दिमाग पूरी तरह से शांत हो जाता है. ऐसे में ध्यान की मुद्रा में इंसान झपकियां लेने लगता है.
जूठन सामग्री से नहीं करनी चाहिए पूजा
इसके अलावा कुछ लोग जम्हाई लेने लगते हैं तो कुछ लोगों को छींके आती है. ये दोनों इसलिए अशुभ माना जाता है कि क्योंकि इस दौरान मुंह से लार या थूक निकलने की आशंका होती है. ऐसा होने से पूजा की सामग्री जूठा हो सकता है. और जूठन सामग्री से भगवान की पूजा नहीं की जाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)