Karwa Chauth 2024 : सभी चतुर्थी तिथि प्रथमपूज्य भगवान गणेश को समर्पित हैं. भगवान गणेश के भक्त चतुर्थी का व्रत रखते हैं, लड्डू-मोदक का भोग लगाकर उनकी विशेष पूजा-अर्चना करते हैं. कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं. कार्तिक मास शुरू हो गया है और पहली संकष्टी चतुर्थी 20 अक्टूबर 2024, रविवार को है. कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को करवा चौथ व्रत रखा जाता है इसलिए यह चतुर्थी बेहद महत्वपूर्ण मानी गई है. साथ ही इस चतुर्थी को वक्रतुंड चतुर्थी कहते हैं.
यह भी पढ़ें: श्रीकृष्ण चाहते तो बच जाता अभिमन्यु, क्यों जरूरी थी अर्जुन के 16 साल के बेटे की मृत्यु?
वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी तिथि पर शुभ योग
पंचांग के अनुसार वक्रतुंड संकष्टी या करवा चौथ तिथि की शुरुआत 20 अक्टूबर 2024 को सुबह 06 बजकर 46 मिनट से होगी और इसका समापन अगले दिन 21 अक्टूबर 2024 को सुबह 04 बजकर 16 मिनट पर होगा. इस संकष्टी चतुर्थी पर चंद्रोदय समय शाम 7 बजकर 54 मिनट का है.
इस बार वक्रतुंड चतुर्थी और करवा चौथ पर शश, गजकेसरी योग, समसप्तक, बुधादित्य और महालक्ष्मी जैसे राजयोगों का निर्माण हो रहा है.
यह भी पढ़ें: शुरू होने वाला है कार्तिक महीना, जान लें तुलसी से जुड़े जरूरी नियम, वरना दिवाली पर निकल जाएगा
संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त
इस साल कार्तिक मास की पहली संकष्टी चतुर्थी और करवा चौथ की पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम को 5 बजकर 46 मिनट से 7 बजकर 02 मिनट तक रहेगा. इसके बाद चांद दिखने पर करवा चौथ व्रत का पारण होगा.
यह भी पढ़ें: 46 दिन तक बीमारी, धन हानि, तनाव करेंगे तंग, 20 अक्टूबर से शुरू होगा 3 राशियों का मुश्किल समय
संकष्टी चतुर्थी व्रत-पूजा
संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखना जीवन के सारे संकटों-कष्टों से निजात दिलाता है. साथ ही सुख-समृद्धि भी देता है. इसके लिए संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखें और विधि-विधान से पूजा करें. चतुर्थी के दिन गणेश वंदना और गणेश चालीसा का पाठ जरूर करें. पूजा में गणपति जी को सिंदूर अर्पित करें. साथ ही शमी के पेड़ के पत्ते भी अर्पित करें, इससे गणेश जी भक्तों के सारे कष्टों को हर लेते हैं.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)