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Varalaxmi Vrat 2025: रक्षाबंधन से एक दिन पहले मिलेगा धन प्राप्ति का आशीर्वाद, 8 अगस्त को रखें वरलक्ष्मी व्रत, जानें पूजा विधि

Varalaxmi Vrat 2025: वरलक्ष्मी व्रत मां लक्ष्मी को समर्पित है. इस बार देवी लक्ष्मी की कृपा पाना है तो देवी लक्ष्मी की विधि अनुसार पूजा पाठ करें. यह व्रत 8 अगस्त 2025 को इस साल रखा जाएगा.

Varalaxmi Vrat 2025
Varalaxmi Vrat 2025
Padma Shree Shubham|Updated: Aug 07, 2025, 03:22 PM IST
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Varalaxmi Vrat 2025 Kab Hai: इस साल वरलक्ष्मी व्रत 8 अगस्त 2025 को रक्षाबंधन के एक दिन पहले होगा. वरलक्ष्मी का व्रत मां लक्ष्मी को समर्पित व्रत है जिसमें मां लक्ष्मी की पूजा वरलक्ष्मी देवी के रूप में की जाती है. दीवाली की तरह ही इस दिन वरलक्ष्मी व्रत धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी की भव्य पूजा की जाती है. जिससे परिवार में सुख-शांति, संपत्ति का योग बनता है. घर के सदस्य आरोग्य होते हैं. 

वरलक्ष्मी व्रत की तिथि
वरलक्ष्मी व्रत की तिथि (Varalakshmi Vrat 2025 Tithi) की बात करें तो पंचांग के अनुसार, वरलक्ष्मी व्रत की तिथि 8 अगस्त को सूर्योदय से ही शुरू हो जाएगी और 9 अगस्त को सूर्योदय के साथ तिथि का समापन हो जाएगा. विशेष ये है कि वरलक्ष्मी व्रत के दिन शुक्रवार का संयोग हो रहा है. शुक्रवार का दिन देव लक्ष्मी को समर्पित है. 

व्रत पूजन के मुहूर्त (Varalakshmi Vrat 2025 Pujan Muhurat)- 
सिंह लग्न पूजन मुहू्र्त सुबह 6:29 बजे से लेकर सुबह 8:46 मिनट तक होगा. 
वृश्चिक लग्न पूजन मुहूर्त- दोपहर 1:22 मिनट से लेकर दोपहर 3:41 तक रहेगा.
कुंभ लग्न मुहूर्त शाम 7:27 मिनट से लेकर रात 8:54 मिनट तक रहेगा तक रहेगा.
वृषभ लग्न मुहूर्त रात 11:55 मिनट से लेकर 9 अगस्त तड़के 1:50 बजे तक रहेगा.

वरलक्ष्मी व्रत 2025 पूजन विधि (Varalakshmi Vrat 2025 Pujan Vidhi)
वरलक्ष्मी व्रत के दिन सुबह उठें और स्नान के बाद मां वरलक्ष्मी की विधि अनुसार पूजा करें.
मां लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर पूजा सामग्री अर्पित करें. 
मां वरलक्ष्मी की पूजा दीवाली की महालक्ष्मी पूजा के जैसे ही होती है.
हालांकि दोरक और वायन की पूजा के विशेष चरण होते हैं और मंत्र भी विशेष होते हैं. 
दोरक एक पवित्र धागा है जो पूजा के दौरान बांधा जाता है
वायन मीठा पदार्थ है जिसे देवी वरलक्ष्मी को अर्पित किए जाते हैं.
पूजा विधि वरलक्ष्मी व्रत का विशेष हिस्सा है.
पूजा में वरलक्ष्मी को हल्दी का लेप में लिपटा तोरम धागा में 9 गांठ जरूर बांधें. 
मां लक्ष्मी को लाल फूल अर्पित करें. 
भोग अर्पित करें और अंत में आरती कर पूजा संपन्न करें.
पूजा के बाद सुहागिन महिलाएं श्रृंगार की सामग्री का दान जरूर करें.

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