trendingNow12781042
Hindi News >>धर्म
Advertisement

Vastu Tips: फिश एक्वेरियम से खुलते हैं तरक्की के रास्ते, लबालब भरता है घर में धन, जानें वास्तु नियम!

Vastu Tips For Aquarium In Hindi: यदि आप अपने जीवन में तरक्की, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का स्वागत करना चाहते हैं, तो घर में वास्तु के अनुसार फिश एक्वेरियम रखना एक बेहतरीन उपाय है। यह न केवल आपकी आंतरिक और बाहरी दुनिया को सुंदर बनाता है, बल्कि आपकी किस्मत को भी नई दिशा देने में सहायक बन सकता है। बस ध्यान रहे कि इसे सही दिशा, सही प्रकार की मछलियों और नियमित देखभाल के साथ स्थापित किया जाए।

Vastu Tips
Vastu Tips
Narinder Juneja|Updated: May 31, 2025, 06:09 PM IST
Share

Vastu Tips For Aquarium: क्या आपने कभी सोचा है कि एक सुंदर-सा फिश एक्वेरियम न सिर्फ आपके घर की शोभा बढ़ाता है, बल्कि आपके जीवन में सुख-समृद्धि और तरक्की भी ला सकता है? वास्तु शास्त्र में यह माना जाता है कि घर में फिश एक्वेरियम रखने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। मछलियों की हरकतें हमारे मन को शांति देती हैं और उनके जल में तैरते रहना जीवन की गति को दर्शाता है। इस लेख में हम जानेंगे कि वास्तु के अनुसार फिश एक्वेरियम क्यों और कैसे रखा जाए, कौन-सी मछलियाँ शुभ मानी जाती हैं, और इससे जुड़ी अन्य खास बातें जो आपके जीवन को बदल सकती हैं।

फिश एक्वेरियम और वास्तु शास्त्र का संबंध
वास्तु शास्त्र के अनुसार जल तत्व (Water Element) घर में संतुलन बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। फिश एक्वेरियम, जो जल तत्व का एक प्रतीक है, घर में ऊर्जा का प्रवाह सही रखने में मदद करता है। जल से संबंधित तत्व मानसिक शांति, धन और समृद्धि के कारक माने जाते हैं। जब आप एक एक्वेरियम को सही दिशा, सही आकार और सही मछलियों के साथ घर में स्थापित करते हैं, तो यह न केवल सजावट का हिस्सा बनता है, बल्कि एक शक्तिशाली वास्तु उपाय भी बन जाता है।

फिश एक्वेरियम रखने के लाभ
आर्थिक समृद्धि:

वास्तु के अनुसार, घर में एक्वेरियम रखने से धन का आगमन बढ़ता है। यह विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जिनका कारोबार ठप हो गया हो या जो लंबे समय से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हों।

तनाव में कमी:
मछलियों को तैरते हुए देखना तनाव और चिंता को कम करता है। यह मानसिक शांति प्रदान करता है और घर का माहौल शांत बनाता है।

पॉजिटिव एनर्जी का संचार:
मछलियों की निरंतर गति और जल की पारदर्शिता सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। इससे घर में रहने वाले सभी सदस्य ऊर्जावान महसूस करते हैं।

बिगड़े काम बनते हैं:
एक्वेरियम को शुभ मुहूर्त में स्थापित किया जाए तो रुकावटें दूर होती हैं और बिगड़े कार्य बनने लगते हैं।

कौन-सी दिशा में रखें फिश एक्वेरियम?
वास्तु शास्त्र के अनुसार फिश एक्वेरियम को उत्तर-पूर्व (North-East) दिशा में रखना सबसे उत्तम माना जाता है। यह दिशा भगवान शिव की मानी जाती है और इस दिशा में जल तत्व का होना सौभाग्य लेकर आता है।
उत्तर दिशा: यह दिशा धन और अवसरों से जुड़ी होती है। यहां एक्वेरियम रखने से करियर और व्यापार में लाभ मिलता है।
पूर्व दिशा: यह दिशा स्वास्थ्य और पारिवारिक रिश्तों को मजबूत करती है।
दक्षिण और पश्चिम दिशा में एक्वेरियम न रखें, यह वास्तु दोष उत्पन्न कर सकता है।

एक्वेरियम में कितनी और कौन-सी मछलियाँ रखें?
वास्तु में मछलियों की संख्या और प्रकार भी बहुत मायने रखते हैं।
अनुशंसित संख्या:

एक्वेरियम में 9 मछलियाँ रखना शुभ माना जाता है – जिनमें 8 गोल्डन फिश और 1 ब्लैक फिश होनी चाहिए।

गोल्डन फिश: यह समृद्धि और सौभाग्य की प्रतीक मानी जाती है।
ब्लैक फिश: यह नकारात्मक ऊर्जा को सोखने का कार्य करती है और संकट से रक्षा करती है।
एरोवाना फिश: इसे चीनी वास्तु 'फेंगशुई' में बहुत ही शुभ माना गया है।
कॉई फिश: यह भी सौभाग्य और दीर्घायु की प्रतीक मानी जाती है।
अगर किसी मछली की मृत्यु हो जाती है तो उसे तुरंत निकाल दें और नई मछली उसी स्थान पर डालें, ताकि ऊर्जा का संतुलन बना रहे।

एक्वेरियम से जुड़े वास्तु नियम
साफ-सफाई का ध्यान रखें:

एक्वेरियम को हमेशा साफ रखें। गंदा पानी और मरी हुई मछलियाँ नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ा सकती हैं।

ऑक्सीजन और लाइटिंग का ध्यान:
एक्वेरियम में ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था और रोशनी होनी चाहिए ताकि मछलियाँ स्वस्थ और सक्रिय रहें।

रोज देखभाल करें:
मछलियों को समय पर खाना देना और उनका ध्यान रखना भी जरूरी है। यह दर्शाता है कि आप अपनी तरक्की के प्रतीकों की कद्र करते हैं।

एक्वेरियम बेडरूम में न रखें:
वास्तु अनुसार फिश एक्वेरियम को बेडरूम या रसोई में रखने से अशांति उत्पन्न हो सकती है।

दरवाज़े के ठीक सामने न रखें:
एक्वेरियम को घर के मुख्य दरवाज़े के सामने रखने से धन आने की बजाय बाहर चला जाता है।

क्या न करें
टूटे हुए एक्वेरियम का इस्तेमाल न करें।
एक्वेरियम में प्लास्टिक या नकली मछलियाँ न रखें।
मछलियों को भूखा न रखें और उनका अनादर न करें।
एक्वेरियम को गहरे अंधेरे में न रखें।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण
फिश एक्वेरियम का मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी गहरा होता है। जब आप मछलियों को शांत और संतुलित तरीके से तैरते हुए देखते हैं, तो आपके मस्तिष्क में डोपामिन और सेरोटोनिन जैसे हार्मोन्स का स्राव होता है, जो मन को प्रसन्नता और शांति का अनुभव कराते हैं। कई चिकित्सक भी तनाव और डिप्रेशन कम करने के लिए फिश टैंक थेरेपी की सलाह देते हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
और पढ़ें- Feng Shui Ke Upay: दमदार फेंगशुई टिप्स आजमाते ही दिक्कतें होंगी खत्म! पैसों की तंगी दूर करने के लिए करें ये 5 काम

और पढ़ें- Vastu Tips: बेवजह नहीं आर्थिक तंगी और मानसिक तनाव, घर में छिपे वास्तु दोष को दूर करने के ये हैं उपाय!

और पढ़ें- Bada Mangal 2025: चौथा बड़ा मंगल पर इस विधि से करें पूजा अर्चना, श्रीराम भक्त हनुमान करेंगे कृपा!

Read More
{}{}