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Vastu Tips: वास्तु अनुसार इस दिशा में रखें वेस्ट वाटर की निकासी, नहीं तो रुक सकती है घर की तरक्की!

Vastu Tips For Waste Water At Home: गलत दिशा में बहता गंदा पानी केवल बाहरी गंदगी नहीं, बल्कि मानसिक, आर्थिक रुकावटों को भी पैदा करता है। यदि आप समय रहते इसका समाधान कर लें, तो न केवल आपकी परेशानियाँ कम होंगी, बल्कि तरक्की के नए रास्ते भी खुल सकते हैं।

Vastu Tips for waste water
Vastu Tips for waste water
Narinder Juneja|Updated: Jul 27, 2025, 09:08 PM IST
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Vastu Tips for Water Resource: आज के आधुनिक युग में हम घर की बनावट और डिज़ाइन पर तो ध्यान देते हैं, लेकिन एक बेहद महत्वपूर्ण पहलू को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं – वेस्ट वाटर की दिशा। वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर से निकलने वाला गंदा पानी यानी वेस्ट वाटर, यदि गलत दिशा में बहता है तो यह न केवल मानसिक अशांति और बीमारियों का कारण बन सकता है, बल्कि आपकी आर्थिक तरक्की और पारिवारिक सुख-शांति में भी बाधा उत्पन्न कर सकता है।इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि वेस्ट वाटर की सही निकासी दिशा क्या होनी चाहिए, किन दिशाओं से बचना चाहिए और यदि आपने गलती से दिशा गलत चुनी है, तो क्या सुधार किए जा सकते हैं।

वास्तु में जल तत्व का महत्व
वास्तु शास्त्र में पंचतत्वों – पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश – का अत्यंत महत्व है।जल तत्व का संबंध हमारे भावनात्मक संतुलन, धन प्रवाह और स्वास्थ्य से जुड़ा होता है।घर में पानी की निकासी और प्रवाह की दिशा यदि वास्तु अनुसार हो, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है और तरक्की के रास्ते खुलते हैं। वहीं, गलत दिशा में बहता वेस्ट वाटर दुर्भाग्य और परेशानियों का कारण बन सकता है।

वेस्ट वाटर की सही निकासी दिशा क्या होनी चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) सबसे पवित्र और संवेदनशील दिशा मानी जाती है, इसलिए इस दिशा में कभी भी वेस्ट वाटर की निकासी नहीं होनी चाहिए।

सही दिशाएं:
उत्तर (North)
पूर्व (East)

उत्तर-पूर्व से हटकर उत्तर या पूर्व की ओर हल्का ढाल

गलत दिशाएं:
दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य कोण) – इससे बीमारियाँ और आर्थिक हानि हो सकती है।
दक्षिण (South) – विवाद, तनाव और धन हानि के संकेत देता है।
पश्चिम (West) – भाग्य बाधित करता है और स्थिरता में कमी लाता है।
ईशान कोण (North-East) – आध्यात्मिक, मानसिक और आर्थिक हानि का कारण बनता है।

घर के अलग-अलग हिस्सों का वेस्ट वाटर और उसकी दिशा
1. बाथरूम और टॉयलेट की निकासी

इनसे निकलने वाले गंदे पानी को उत्तर या पूर्व दिशा की ओर निकालना शुभ होता है।
ईशान कोण में टॉयलेट या निकासी से जीवन में रुकावटें आती हैं।

2. किचन सिंक का वेस्ट वाटर
इसे उत्तर-पूर्व से हटकर उत्तर-पूर्व/पूर्व दिशा में निकालना शुभ माना जाता है।
दक्षिण-पश्चिम दिशा में सिंक हो तो मानसिक तनाव और पारिवारिक विवाद बढ़ सकते हैं।

3. वॉशिंग मशीन का पानी
यह भी उत्तर/पूर्व दिशा की ओर निकले, तो श्रेष्ठ होता है।
दक्षिण या पश्चिम दिशा में निकासी होने पर थकावट और अशांति बनी रहती है।

4. ओवरफ्लो पाइप या टंकी का निकास
छत पर पानी जमा न हो, और ओवरफ्लो पाइप को पूर्व दिशा में रखें।
छत से गिरता पानी दक्षिण दिशा की ओर हो तो मानसिक परेशानियाँ आती हैं।

गलत दिशा में वेस्ट वाटर निकलने से क्या हो सकते हैं नुकसान?
आर्थिक हानि और कर्ज बढ़ना

– दक्षिण या नैऋत्य दिशा में बहने वाला वेस्ट वाटर पैसों के रुकाव और खर्च में वृद्धि करता है।

सेहत से जुड़ी समस्याएं
– नालियों से आने वाली नकारात्मक ऊर्जा से बीमारियाँ बढ़ती हैं।

मानसिक तनाव और विवाद
– घर के सदस्यों में असंतुलन, झगड़े और आपसी तनाव हो सकते हैं।

काम में रुकावट और बाधाएं
– चाहे नौकरी हो या व्यापार, नतीजों में देरी और असफलता की संभावना बढ़ जाती है।

बच्चों की पढ़ाई पर असर
– पढ़ने में मन न लगना, बार-बार ध्यान भटकना और एकाग्रता में कमी आ सकती है।

गलत दिशा में निकासी हो गई है? तो करें ये वास्तु उपाय
स्लोप सही करें

– अगर निर्माण का कार्य अभी चल रहा है, तो फ्लोर का ढलान उत्तर या पूर्व दिशा की ओर रखें।

नीचे पीतल का त्रिशूल लगाएं
– जिस दिशा में गंदा पानी निकल रहा है अगर वह अशुभ है, तो वहां पीतल का त्रिशूल लगाएं।

पाइप पर वास्तु स्टिकर या पिरामिड लगाएं
– बाजार में वास्तु के अनुसार स्टिकर या कॉपर पाइप एनर्जी बैलेंसर मिलते हैं, जो प्रभाव को कम कर सकते हैं।

पौधे लगाएं
– गंदे पानी के आस-पास तुलसी, मनीप्लांट या एलोवेरा जैसे पौधे लगाएं, ताकि नेगेटिव एनर्जी को अब्सॉर्ब किया जा सके।

हर शनिवार को नमक मिले पानी से सफाई करें
– नेगेटिव एनर्जी को दूर करने का यह सरल घरेलू उपाय माना गया है।

सकारात्मक ऊर्जा के लिए अतिरिक्त सुझाव
घर की नालियों को हमेशा साफ रखें। बंद या गंदी नालियां दुर्भाग्य को बुलावा देती हैं।
निकासी वाले क्षेत्र में ग्रह-नक्षत्र शुद्धि के लिए गोमूत्र या गंगाजल का छिड़काव करें।
समय-समय पर फ्लो में आने वाले रुकावटों को दुरुस्त कराते रहें। यह न सिर्फ वास्तु के लिए, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।
नक्शे में दिशा पहचानने के लिए आसान टिप्स
घर का नक्शा लें और उत्तर दिशा ऊपर की ओर रखें।
मोबाइल एप्स (जैसे कि डिजिटल कम्पास) की सहायता से भी दिशा जान सकते हैं।
वास्तु एक्सपर्ट से सलाह लेना सबसे बेहतर होता है, खासकर जब बड़ी कंस्ट्रक्शन या रेनोवेशन की योजना हो।

निष्कर्ष
घर में वेस्ट वाटर की दिशा अगर वास्तु शास्त्र के अनुसार न हो, तो यह आपके जीवन की उन्नति को धीमा कर सकता है। गलत दिशा में बहता गंदा पानी सिर्फ बाहरी गंदगी नहीं, बल्कि मानसिक, आर्थिक और भावनात्मक रुकावटों को भी जन्म देता है।

(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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