Vastu Upay For Old Clothes: हमारे जीवन में वस्तुएं जितनी भौतिक होती हैं, उतनी ही उनकी ऊर्जा भी होती है। वस्त्र यानी कपड़े भी इनमें शामिल हैं। हम दिनभर अपने कपड़ों से जुड़े रहते हैं – यही कारण है कि ये हमारी ऊर्जा को भी प्रभावित करते हैं। वास्तु शास्त्र में पुराने, फटे-चिथड़े या अनुपयोगी कपड़ों के संबंध में विशेष निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि यदि समय रहते इनका उचित निपटान न किया जाए, तो यह घर की ऊर्जा को प्रभावित कर सकता है। इस लेख में हम समझेंगे कि पुराने कपड़े कैसे दुर्भाग्य का कारण बन सकते हैं और वास्तु शास्त्र में इससे निपटने के कौन-कौन से उपाय बताए गए हैं।
पुराने कपड़े और नकारात्मक ऊर्जा का संबंध
वास्तु शास्त्र के अनुसार, हर वस्तु एक विशेष ऊर्जा लिए होती है। पुराने कपड़े, विशेष रूप से जो लंबे समय से बिना उपयोग के अलमारी या स्टोर रूम में पड़े रहते हैं, नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। ये कपड़े न केवल घर में अव्यवस्था बढ़ाते हैं, बल्कि मानसिक तनाव, आर्थिक रुकावट और पारिवारिक कलह का कारण भी बन सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे कपड़े एक प्रकार से ऊर्जा का प्रवाह रोकते हैं और ठहराव उत्पन्न करते हैं। यह ठहराव जीवन के हर पहलू – करियर, स्वास्थ्य, संबंध, यहां तक कि बच्चों की पढ़ाई तक को प्रभावित कर सकता है।
किन पुराने कपड़ों को रखना अशुभ माना गया है?
वास्तु शास्त्र में निम्न प्रकार के कपड़ों को घर में लंबे समय तक रखने से मना किया गया है:
फटे हुए कपड़े – फटे हुए वस्त्र दुर्भाग्य और दरिद्रता का प्रतीक माने जाते हैं।
बहुत पुराने कपड़े जो अब कभी पहनने वाले नहीं – ये अव्यवस्था और ऊर्जा के ठहराव का कारण बनते हैं।
मृत व्यक्तियों के वस्त्र – जब तक आवश्यक न हो, मृत परिजनों के कपड़े घर में जमा नहीं करने चाहिए।
दागदार या टूटी सिलाई वाले कपड़े – ऐसे वस्त्र न केवल सौंदर्य में बाधा डालते हैं, बल्कि नकारात्मकता भी फैलाते हैं।
न पहनने योग्य बच्चों के पुराने कपड़े – अगर इनका कोई उपयोग नहीं है, तो इन्हें दान करना उचित होता है।
पुराने कपड़े रखने से होने वाले दुष्प्रभाव
वास्तु के अनुसार, लंबे समय तक पुराने कपड़े रखने से जीवन में निम्न प्रकार की समस्याएं देखी जा सकती हैं:
आर्थिक तंगी – धन का प्रवाह रुकने लगता है और आय के स्रोत अवरुद्ध हो सकते हैं।
स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं – विशेष रूप से त्वचा रोग, एलर्जी, मानसिक असंतुलन आदि।
घर में झगड़े – पति-पत्नी, बच्चों और माता-पिता में सामंजस्य की कमी हो सकती है।
काम में असफलता और विलंब – नौकरी, व्यापार या शिक्षा में रुकावट आ सकती है।
नींद न आना – पुराने कपड़े यदि बेड या अलमारी के आसपास रखे हों, तो यह नींद में खलल डाल सकते हैं।
वास्तु शास्त्र में बताए गए उपाय
अगर आपके घर में पुराने कपड़े जमा हैं, तो निम्नलिखित वास्तु उपायों को अपनाकर आप नकारात्मकता से बच सकते हैं:
पुराने कपड़े समय-समय पर छांटे – हर तीन से छह महीने में अपनी अलमारी और स्टोर रूम की सफाई करें।
उपयोग न होने वाले कपड़े दान करें – ये कपड़े जरूरतमंदों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं और आपके लिए शुभ फल ला सकते हैं।
फटे या दागदार कपड़े तुरंत हटा दें – इनका निस्तारण तुरंत करें, इन्हें न रखें।
बेड के नीचे कपड़े न रखें – यह नींद और मानसिक शांति में बाधा डाल सकता है।
कपड़ों को व्यवस्थित रखें – सुव्यवस्थित अलमारी से सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
पुराने कपड़ों को रचनात्मक रूप से पुनः उपयोग में लाएं – यदि कोई कपड़ा आपके लिए भावनात्मक रूप से महत्वपूर्ण है, तो उसे रचनात्मक रूप से उपयोग में लाएं जैसे कि सजावट के लिए, तकिया कवर आदि।
पुराने कपड़ों को कब और कैसे करें दान?
वास्तु शास्त्र में दान को पुण्यदायक बताया गया है। पुराने लेकिन साफ-सुथरे और पहनने योग्य कपड़े यदि आप सही समय और सही व्यक्ति को दान करते हैं, तो यह आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा ला सकता है।
दान का सर्वोत्तम दिन – शनिवार और अमावस्या तिथि को वस्त्र दान करना विशेष फलदायी माना गया है।
किसे करें दान – निर्धनों, भिक्षुओं, मंदिरों या अनाथालयों में दान करना उत्तम है।
दान करने से पहले क्या करें – कपड़ों को धोकर, सुखाकर अच्छे से फोल्ड करें और फिर आदरपूर्वक दें।
जीवन में सकारात्मकता लाने के लिए करें यह बदलाव
केवल पुराने कपड़े हटाना ही पर्याप्त नहीं है, बल्कि अपने जीवन में कुछ छोटे लेकिन असरदार बदलाव लाकर आप घर को ऊर्जा से भर सकते हैं:
अपने वार्डरोब को साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित रखें।
हर नए वस्त्र को पहनने से पहले सूर्य के प्रकाश में रखें।
कपड़े की अलमारी में कपूर या गंधयुक्त पाउच रखें जिससे वातावरण शुद्ध रहे।
जरूरत से ज़्यादा वस्त्र न खरीदें, फिजूलखर्ची से भी ऊर्जा का क्षय होता है।
निष्कर्ष
पुराने कपड़े देखने में सामान्य लग सकते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार इनका जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यह नकारात्मकता और दुर्भाग्य को आकर्षित कर सकते हैं, इसलिए जरूरी है कि समय-समय पर इन्हें हटाया जाए, दान किया जाए और अपने घर को साफ-सुथरा रखा जाए। जब वातावरण सकारात्मक होगा, तो जीवन में खुशहाली और समृद्धि अपने आप आने लगेगी।
(Disclaimer- प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)