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Vastu Tips: घर की सजावट से लेकर सोने की दिशा तक, लाइफस्टाइल को वास्तु अनुसार करें व्यवस्थित!

Vastu Tips In Hindi: छोटी-छोटी बदलाव हमारे जीवन में बड़े सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं। इसलिए वास्तु को केवल मान्यता नहीं, एक सकारात्मक जीवनशैली के रूप में अपनाएं।

Lifestyle According To Vastu
Lifestyle According To Vastu
Narinder Juneja|Updated: Jul 29, 2025, 02:15 PM IST
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Lifestyle According To Vastu: वास्तु शास्त्र केवल घर की बनावट या निर्माण के नियमों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी दिनचर्या, रहन-सहन और जीवनशैली पर भी गहरा प्रभाव डालता है। हमारे सोने का तरीका, फर्नीचर की दिशा, घर में सजावट का स्वरूप – ये सब चीज़ें हमारे स्वास्थ्य, सुख-शांति, और मानसिक स्थिति को प्रभावित करती हैं। अगर हम अपने जीवन में थोड़े-से वास्तु नियम शामिल कर लें, तो सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ सकता है और नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि घर की सजावट से लेकर सोने तक की आदतों में वास्तु का कैसे असर होता है और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

1. घर की सजावट और वास्तु का तालमेल
घर की सजावट सिर्फ सौंदर्य बढ़ाने का काम नहीं करती, बल्कि वातावरण को ऊर्जा से भरने का भी कार्य करती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार:
मुख्य दरवाज़ा साफ और सुसज्जित होना चाहिए। यह घर में समृद्धि लाने का प्रवेश द्वार होता है। दरवाज़े पर शुभ चिन्ह जैसे ‘स्वास्तिक’, ‘ऊँ’, या ‘शुभ लाभ’ लगाना सकारात्मक ऊर्जा का संकेत है।
दीवारों के रंग भी ऊर्जा को प्रभावित करते हैं। पीला, हरा, और नीला रंग मानसिक शांति लाते हैं, जबकि बहुत गहरे या काले रंग नकारात्मकता का संकेत दे सकते हैं।
फर्श की सजावट में कभी-कभी हल्का रंग और स्वच्छता ऊर्जा को स्थिर बनाए रखने में मदद करते हैं।
फर्नीचर की स्थिति: भारी फर्नीचर जैसे सोफा, अलमारी आदि को दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखना उत्तम होता है। इससे उत्तर और पूर्व दिशा खुली रहती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है।

2. सोने का तरीका और दिशा का महत्व
हम दिन का लगभग एक तिहाई हिस्सा सोने में बिताते हैं। इसलिए सोने का तरीका और दिशा हमारे जीवन को प्रभावित करती है।
सिर की दिशा पूर्व या दक्षिण में रखकर सोना सबसे उत्तम माना गया है। इससे मस्तिष्क को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और नींद बेहतर होती है।
पश्चिम दिशा में सिर रखकर सोना मानसिक तनाव और अस्थिरता ला सकता है। वहीं, उत्तर दिशा में सिर रखकर सोना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना गया है।
सोते समय मोबाइल या इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सिरहाने रखने से बचें, क्योंकि इससे नकारात्मक तरंगें निकलती हैं जो नींद में बाधा डालती हैं।
बेडरूम में दर्पण बेड के ठीक सामने नहीं होना चाहिए। यह ऊर्जा को उलझा देता है और मानसिक तनाव का कारण बन सकता है।

3. किचन और वास्तु
रसोईघर का सीधा संबंध परिवार के स्वास्थ्य और समृद्धि से होता है।
किचन का स्थान घर की अग्नि कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में सबसे उत्तम होता है।
गैस चूल्हा ऐसी स्थिति में होना चाहिए कि खाना बनाते समय व्यक्ति का मुंह पूर्व दिशा की ओर हो।
किचन में पानी और अग्नि के तत्वों को पास-पास न रखें। सिंक और गैस के बीच संतुलन जरूरी है।
स्टील या तांबे के बर्तन रसोई में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं।

4. दैनिक जीवनशैली की आदतें और वास्तु
वास्तु शास्त्र का प्रभाव केवल निर्माण तक नहीं, बल्कि दिनचर्या की आदतों तक होता है:
प्रातःकाल सूर्योदय से पहले उठना जीवन में ऊर्जा और स्फूर्ति लाता है।
धूप-बत्ती और शंख की ध्वनि घर में नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती है।
तुलसी का पौधा पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना गया है। इसे नियमित रूप से जल देना भी जीवन में सकारात्मकता बनाए रखता है।
जूते-चप्पल का स्थान मुख्य दरवाज़े के पास न रखें। इससे दरवाज़े की सकारात्मकता कम होती है।

5. बच्चों के कमरे और पढ़ाई की दिशा
बच्चों के कमरे और उनकी पढ़ाई की दिशा का वास्तु से गहरा संबंध होता है।
पढ़ाई करते समय मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए, इससे एकाग्रता में वृद्धि होती है।
बच्चों के कमरे में हल्के रंग जैसे आसमानी नीला, हरा, या क्रीम रंग उपयोग करें।
पढ़ाई की मेज़ के सामने कोई दीवार न हो, कोशिश करें कि खुला स्थान हो ताकि विचारों को विस्तार मिल सके।

6. पूजा स्थान और सकारात्मक ऊर्जा
घर में पूजा स्थल का वास्तु के अनुसार होना अत्यंत आवश्यक है:
पूजा घर उत्तर-पूर्व कोने में बनाना सबसे शुभ होता है।
मूर्तियाँ दीवार से सटाकर न रखें, उनके पीछे थोड़ी सी जगह छोड़ें।
पूजा घर को हमेशा साफ-सुथरा रखें और वहां हल्की खुशबूदार अगरबत्ती या धूप लगाएं।

7. नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखने वाले वास्तु उपाय
घर में यदि बार-बार विवाद, बीमारियाँ या आर्थिक समस्याएं आ रही हैं तो यह नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है।
दरवाज़े पर लिम्का, नींबू और मिर्ची का टोटका लगाने से बुरी नजर दूर रहती है।
घर के कोनों में समय-समय पर नमक का पानी डालना भी सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने का उपाय है।
सप्ताह में एक दिन घर में गाय के घी का दीपक जलाना वातावरण को शुद्ध करता है।

निष्कर्ष
वास्तु शास्त्र केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि वैज्ञानिक सोच पर आधारित जीवनशैली का हिस्सा है। जब हम अपने घर की सजावट, सोने की दिशा, रसोई की स्थिति और दैनिक आदतों को वास्तु के अनुसार ढालते हैं, तो न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि स्वास्थ्य, धन और सफलता के रास्ते भी खुलते हैं।

(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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