Gangajal Ke Niyam: गंगाजल भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म में न केवल पवित्र माना जाता है, बल्कि इसे जीवनदायिनी, पाप हरने वाला और मोक्ष दिलाने वाला भी कहा गया है। गंगा नदी को माता का दर्जा प्राप्त है और इसके जल को देवताओं तक के पूजन में स्थान दिया गया है। यही कारण है कि गंगाजल को घर में रखना और उसका सही तरीके से उपयोग करना बेहद शुभ और फलदायक माना जाता है।
क्या है गंगाजल रखने के सही नियम
लेकिन कई बार अज्ञानता या लापरवाही के कारण लोग गंगाजल से जुड़ी कुछ ऐसी भूलें कर बैठते हैं, जो अशुभता को न्योता दे सकती हैं। शास्त्रों और वास्तुशास्त्र में साफ निर्देश हैं कि गंगाजल के साथ कोई भी अनादर या अपवित्रता न हो — वरना उसका परिणाम गंभीर हो सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि गंगाजल का अपमान किन तरीकों से होता है, किन गलतियों से बचना चाहिए, और क्या है गंगाजल रखने के सही नियम।
गंगाजल की पवित्रता क्यों है इतनी महत्वपूर्ण?
गंगाजल को हिन्दू धर्म में सबसे पवित्र जल माना गया है। मान्यता है कि यह जल भगवान विष्णु के कमल चरणों से उत्पन्न हुआ और भगवान शिव की जटाओं से होकर पृथ्वी पर आया। यह जल पापों का नाश, नकारात्मक ऊर्जा की समाप्ति और मुक्ति का मार्ग प्रदान करता है।
श्राद्ध, पूजा, वास्तु दोष निवारण, गृह प्रवेश जैसे सभी शुभ कार्यों में गंगाजल का प्रयोग अनिवार्य होता है।
गंगाजल रखने में की जाने वाली आम गलतियाँ:
1. गंगाजल को गंदे स्थान पर रखना
गंगाजल को कभी भी रसोई, शौचालय या जूते-चप्पलों के पास नहीं रखना चाहिए। ये स्थान अशुद्ध माने जाते हैं और वहां पवित्र वस्तुओं को रखने से घर में नकारात्मक ऊर्जा फैलती है।
समाधान:
गंगाजल को हमेशा पूजाघर या किसी साफ-सुथरे स्थान पर रखें। यदि अलमारी में रखें तो वहां भी धूप अगरबत्ती जलाकर सफाई करें।
2. गंगाजल को प्लास्टिक की बोतल में लम्बे समय तक रखना
बहुत से लोग प्लास्टिक की बोतल में गंगाजल रख लेते हैं और वर्षों तक उसे वहीं छोड़ देते हैं। यह न केवल अनुचित है बल्कि इससे गंगाजल की ऊर्जा प्रभावित हो सकती है।
समाधान:
गंगाजल को कांच या तांबे के पात्र में रखना शुभ माना जाता है। हर 6 महीने में उस जल को पूजा में प्रयोग कर नया गंगाजल भरें।
3. गंगाजल का प्रयोग करते समय अशुद्ध अवस्था में होना
यदि आप नहाए बिना या बिना हाथ धोए गंगाजल को छूते हैं, तो यह गंगाजल का अनादर माना जाता है।
समाधान:
गंगाजल का प्रयोग करने से पहले हाथ-पैर धो लें या स्नान कर लें। मन को शांत रखें और शुद्ध भाव से उसका उपयोग करें।
4. गंगाजल को ज़मीन पर गिराना या बहा देना
कभी-कभी लोग अनजाने में गंगाजल गिरा देते हैं या उसे फर्श पर बहा देते हैं। यह एक बड़ा अपमान माना गया है।
समाधान:
यदि गंगाजल गलती से गिर जाए, तो तुरंत उस स्थान को साफ करके वहां धूप-दीप जलाएं और क्षमा प्रार्थना करें।
5. गंगाजल को अन्य तरल चीज़ों के साथ मिलाना
कुछ लोग गंगाजल को दूध, शरबत या अन्य पेय पदार्थों में मिलाकर उपयोग करते हैं, जो अनुचित है।
समाधान:
गंगाजल को केवल पूजा, पवित्रिकरण और मंत्र जाप आदि में शुद्ध रूप में ही प्रयोग करें। किसी भी खाद्य या पेय पदार्थ में मिलाना अशुद्धता माना जाता है।
गंगाजल के उपाय:
पूजा-पाठ में – गंगाजल का प्रयोग देवी-देवताओं का अभिषेक करने, कलश में भरने और मूर्ति स्थापना के समय होता है।
वास्तु दोष निवारण में – घर के कोनों में गंगाजल छिड़कने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
अंतिम संस्कार में – मृत्यु के समय गंगाजल का अंतिम आचमन दिया जाता है, जिससे आत्मा को शांति मिलती है।
स्नान में – रोज़ सुबह नहाने के पानी में कुछ बूंदें गंगाजल की डालें, इससे शरीर और मन दोनों की शुद्धि होती है।
गृह प्रवेश, हवन, यज्ञ में – इन सभी धार्मिक क्रियाओं में गंगाजल का प्रयोग आवश्यक है।
शास्त्रों में गंगाजल के अपमान का दंड:
शास्त्रों के अनुसार, जो व्यक्ति गंगाजल का अपमान करता है, उसे जीवन में मानसिक अशांति, आर्थिक हानि और पारिवारिक कलह का सामना करना पड़ सकता है।
"गंगाजलस्य अपवित्रकरणं महापापं स्मृतम्" — अर्थात्, गंगाजल को अशुद्ध करना बड़ा पाप माना गया है।
घर में गंगाजल रखने के वास्तु उपाय:
गंगाजल को ईशान कोण (उत्तर-पूर्व दिशा) में रखें — यह स्थान सबसे पवित्र माना जाता है।
उसे किसी तांबे या चांदी के पात्र में रखें।
हर पूर्णिमा या अमावस्या को गंगाजल को मंदिर में चढ़ाएं या घर में छिड़काव करें।
सप्ताह में कम से कम एक दिन गंगाजल से पूरे घर में पवित्रिकरण करें।
गंगाजल रखने के लाभ:
नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।
परिवार में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
मानसिक तनाव कम होता है।
धन लाभ के अवसर बढ़ते हैं।
देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
निष्कर्ष:
गंगाजल एक दिव्य तत्व है, जिसे केवल पानी समझकर हल्के में नहीं लिया जा सकता। इसका अपमान करने से जीवन में बाधाएं आ सकती हैं, वहीं यदि इसका सही तरीके से उपयोग किया जाए तो यह जीवन को पवित्र, शांत और समृद्ध बना सकता है।
(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)
और पढ़ें- Vastu Tips: पिता और बेटे के रिश्तों में दरार? घर की पूर्व दिशा बिगाड़ रही है शांति!
और पढ़ें- Laddu Gopal Shringar: इस सावन ऐसे करें लड्डू गोपाल का शृंगार, कई गुना बढ़ जाएगा पूजा और सेवा का फल