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Vastu Tips: घर की दीवारों के रंग से जुड़ा है आपका भाग्य! जानें किन रंगों को किस कमरे में दें जगह

Color Vastu Tips: घर के रंगों को बदलते समय परिवार के सदस्यों की जन्म राशि और प्रकृति का भी ध्यान रखें। रंग केवल सजावट नहीं, बल्कि आपके जीवन के अनुभवों और ऊर्जा का प्रतिबिंब होते हैं। समझदारी से रंग चुनिए, और अपने भाग्य को उज्ज्वल बनाइए।

Vastu Tips
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Narinder Juneja|Updated: Jun 16, 2025, 08:38 PM IST
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Color Vastu Tips For Home: हमारा घर न सिर्फ ईंट-पत्थरों से बना एक ढांचा होता है, बल्कि यह हमारे जीवन की ऊर्जा, भावनाओं और सुख-शांति का केंद्र भी होता है। वास्तु शास्त्र में घर की दिशा, स्थान और वस्तुओं के अलावा दीवारों के रंगों का भी विशेष महत्व बताया गया है। हर रंग एक विशेष ऊर्जा को दर्शाता है और हमारे मन, व्यवहार, स्वास्थ्य और भाग्य को गहराई से प्रभावित करता है। इस लेख में हम जानेंगे कि वास्तु शास्त्र के अनुसार कौन से रंग घर में सकारात्मक ऊर्जा, सुख, शांति और समृद्धि लाते हैं, और किन रंगों से बचना चाहिए।

रंग और ऊर्जा का संबंध
रंग केवल आंखों की दृष्टि तक सीमित नहीं होते, ये ऊर्जा कंपन (vibrations) उत्पन्न करते हैं जो हमारे चारों ओर के वातावरण को प्रभावित करते हैं। यही कारण है कि वास्तु में रंगों के चुनाव को अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। सही रंगों का चुनाव घर में सकारात्मक ऊर्जा, मानसिक शांति और सौभाग्य लाता है, जबकि गलत रंग अवसाद, अशांति और असफलता का कारण बन सकते हैं।

कौन सा रंग किस दिशा में शुभ माना जाता है?
उत्तर दिशा: हरे और हल्के नीले रंग
उत्तर दिशा बुध ग्रह की होती है, जो वाणी, बुद्धि और व्यापार से जुड़ा है।

इस दिशा की दीवारों पर हल्का हरा या आसमानी नीला रंग करना उत्तम होता है।
इससे घर में शांति, ताजगी और मानसिक स्पष्टता बनी रहती है।

पूर्व दिशा: हल्का पीला या सफेद रंग
पूर्व दिशा सूर्य की मानी जाती है, जो जीवन ऊर्जा और सफलता का प्रतीक है।

हल्का पीला या क्रीम रंग इस दिशा के लिए आदर्श होता है।
यह रंग जीवन में सकारात्मकता, आत्मविश्वास और उन्नति लाता है।

पश्चिम दिशा: ग्रे, सिल्वर या नीला रंग
पश्चिम दिशा शनि से जुड़ी है।

इस दिशा में ग्रे, स्लेटी या हल्का नीला रंग स्थिरता और दृढ़ता लाता है।
यह रंग नौकरी और शिक्षा में सफलता देता है, खासकर विद्यार्थियों के लिए।

दक्षिण दिशा: लाल, गुलाबी या नारंगी रंग
दक्षिण दिशा मंगल ग्रह से जुड़ी होती है।

यहां गुलाबी, लाल या संतरी रंग प्रयोग किए जा सकते हैं।
यह रंग उत्साह, शक्ति और आत्मबल को बढ़ाता है।

कमरे के अनुसार कौन सा रंग सबसे उत्तम है?
बेडरूम (Bedroom)

शांति और प्रेम के लिए हलका गुलाबी, क्रीम, या हल्का नीला रंग उपयुक्त होता है। 
विवाहित जोड़ों के लिए गुलाबी रंग प्रेम संबंधों को मधुर बनाता है।
गहरे या डार्क रंग, जैसे काला, गहरा भूरा, और बहुत चमकीले लाल रंग से बचना चाहिए।

रसोई (Kitchen)
रसोई का वास्तु से सीधा संबंध है क्योंकि यह अन्न और ऊर्जा का स्रोत होती है।
नारंगी, हल्का पीला या हल्का हरा रंग रसोई के लिए शुभ माने जाते हैं।
नीला और काला रंग रसोई में वर्जित है क्योंकि यह खाने के प्रति अरुचि पैदा कर सकता है।

ड्राइंग रूम / लिविंग रूम
यह घर का मुख्य सामूहिक क्षेत्र होता है जहां परिवार एकत्र होता है।
हल्का हरा, आसमानी नीला या बेबी पिंक रंग यहाँ सकारात्मक ऊर्जा को बनाए रखता है।
यह रंग मेहमानों और परिवार के बीच सौहार्द्र और खुशी को बढ़ाता है।

स्टडी रूम / पढ़ाई का कमरा
यहां सफेद, हल्का नीला या हरा रंग श्रेष्ठ माना जाता है क्योंकि ये रंग एकाग्रता और मानसिक स्पष्टता को बढ़ाते हैं।
इन रंगों से विद्यार्थियों की एकाग्रता, रचनात्मकता और समझदारी में सुधार होता है।

बाथरूम / टॉयलेट
हल्का ग्रे, सफेद या हल्का नीला रंग स्वच्छता और मानसिक शांति का प्रतीक होता है।
बहुत गहरे रंग यहां नहीं रखने चाहिए, इससे नकारात्मक ऊर्जा बन सकती है।

किन रंगों से बचना चाहिए?
काला रंग घर के किसी भी कमरे में वर्जित है क्योंकि यह नकारात्मकता और अवसाद को बढ़ाता है।
बहुत गाढ़े या अत्यधिक चटक रंग (जैसे चटक लाल, गाढ़ा बैंगनी, गहरा नीला) तनाव और चिड़चिड़ापन ला सकते हैं।
ऐसे रंग वातावरण में गर्मी, अशांति और मानसिक थकान पैदा करते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या कहता है?
वैज्ञानिक भी मानते हैं कि रंग मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर गहरा प्रभाव डालते हैं।

उदाहरण के लिए:
नीला रंग शांति और स्थिरता का प्रतीक है, इसलिए यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है।
हरा रंग आंखों को आराम देता है और मानसिक थकान को कम करता है।
पीला रंग मस्तिष्क को सक्रिय करता है और रचनात्मकता को बढ़ाता है।

कुछ विशेष वास्तु सुझाव
मुख्य द्वार के आसपास हल्का पीला या सफेद रंग सुख-समृद्धि लाता है।
तिजोरी या पैसे रखने की जगह के पीछे पीला रंग लगाने से धन की वृद्धि होती है।
बच्चों के कमरे में बहुत गाढ़े रंग न रखें, यह चिड़चिड़ापन बढ़ा सकता है।
पूजा कक्ष में सफेद, पीला या हल्का नारंगी रंग बेहद शुभ माना जाता है।

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की दीवारों के रंगों का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। यदि आप सही रंगों का चुनाव करेंगे तो यह न केवल आपके घर की सुंदरता बढ़ाएगा, बल्कि आपके जीवन में सुख, समृद्धि और मानसिक शांति भी लाएगा। हर दिशा, हर कमरे के अनुसार रंग का चयन करते समय वास्तु के नियमों का पालन करें और अपने घर को बनाएं एक सकारात्मक ऊर्जा से भरा शुभ स्थान।

साथ ही यह भी ध्यान रखें कि समय-समय पर घर की दीवारों की रंगाई करवाना भी आवश्यक है, क्योंकि पुराने और धुंधले रंग नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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