Premanand Ji Maharaj: जब भी हम वृंदावन जाते हैं, वहां सभी लोग राधा-राधा बोलते हैं. इस पर एक भक्त ने प्रेमानंद जी महाराज से पूछा की क्या वृंदावन में राधा नाम ही जप सकते हैं? महाराज जी ने बताया कि ये हमारा प्रेम-भाव है. हमें जिस नाम से प्रसन्नता मिलती है, वहीं नाम जप करना चाहिए. भगवान के रूप और व्यवहार अनेक हैं लेकिन, उसका तत्व एक ही है. आप भी देखिए ये वीडियो.................................................................................
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