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क्या होता है बड़ा मंगल, कब से हो रहा है शुरू? मुगल बादशाह ने क्यों बटवाया था प्रसाद

Bada Mangal 2025 Date: ज्येष्ठ मास के मंगल को बड़ा या बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है. बड़ा मंगलवार हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप को समर्पित है. आइए जानते हैं कि इस साल बड़ा मंगल कब से शुरू हो रहा है और इसका महत्व क्या है. 

क्या होता है बड़ा मंगल, कब से हो रहा है शुरू? मुगल बादशाह ने क्यों बटवाया था प्रसाद
Dipesh Thakur|Updated: May 01, 2025, 01:54 PM IST
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Bada Mangal 2025: ज्येष्ठ महीने का प्रत्येक मंगलवार हनुमान जी को समर्पित है. इस महीने में पड़ने वाले मंगलवार को बड़ा या बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है. बड़ा मंगल के हनुमानजी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मान्यतानुसार, बुढ़वा मंगल के दिन हनुमान जी के वृद्ध स्वरूप का पूजन किया जाता है. कहते हैं कि जो कोई विधि-विधान से ज्येष्ठ मास में हनुमान जी की पूजा करता है, उसके तमाम संकट दूर हो जाते हैं और मनचाहे फल की प्राप्ति होती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल बड़ा मंगल कब से शुरू हो रहा है और बड़ा मंगल पर मुगल बादशाह ने प्रसाद क्यों बंटवाया था. 

बड़ा मंगल कब से होगा शुरू और क्या है महत्व

हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ मास के प्रत्येक मंगलवार को बड़ा मंगल कहते हैं. पंचांग के अनुसार इस साल बड़ा मंगल मंगलवार 13 मई 2025 से शुरू हो रहा है. जबकि, 10 जून को आखिरी बड़ा मंगल पड़ेगा. कहते हैं कि प्रभु श्रीराम माता सीता की खोज में दर-दर भटकते हुए जिस दिन हनुमानजी से मिले थे उस दिन ज्येष्ठ महीने का मंगलवार था. 

2025 में कब-कब है बड़ा मंगल?

पहला बड़ा मंगल- 13 मई 2025, दिन मंगलवार

दूसरा बड़ा मंगल- 20 मई 2025, दिन मंगलवार

तीसरा बड़ा मंगल- 27 मई 2025, दिन मंगलवार 

चौथा बड़ा मंगल- 2 जून 2025, दिन मंगलवार

पांचवां बड़ा मंगल- 10 जून 2025, दिन मंगलवार

मुगल शासक ने क्यों बंटवाया था प्रसाद

किसी समय मुगल शासक नवाब मोहम्मद वाजिद अली शाह के बेटे की तबीयत अचानक बहुत बिगड़ गई थी. तमाम दवाइयों और इलाज के बाद भी उसकी सेहत में कोई सुधार नहीं हो रहा था. परिवार चिंता और दुख में डूबा हुआ था. तभी कुछ लोगों ने सलाह दी कि लखनऊ के अलीगंज क्षेत्र में स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर में जाकर प्रार्थना करें.

बेबस नवाब और उनकी बेगम ने श्रद्धा से वहां जाकर दुआ मांगी. चमत्कारिक रूप से उनके बेटे की तबीयत धीरे-धीरे ठीक होने लगी. इसे ईश्वर की कृपा मानते हुए नवाब ने अलीगंज स्थित हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया. यह काम ज्येष्ठ माह में पूरा हुआ. कहते हैं कि इसी पवित्र काम की याद में नवाब ने पूरे लखनऊ में मंगलवार के दिन गुड़ का प्रसाद बंटवाया. मान्यता है कि तभी से हर मंगलवार को लखनऊ में भंडारे और प्रसाद वितरण की परंपरा शुरू हो गई, जो आज तक जारी है.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

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