trendingNow12789895
Hindi News >>धर्म
Advertisement

Janmashtami 2025: इस साल कब है जन्माष्टमी? नोट कर लें डेट और शुभ मुहूर्त और विशेष योग

Janmashtami 2025 Date: हर साल भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. लेकिन, इस साल जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी, तिथि और शुभ मुहूर्त क्या है, जानिए.  

Janmashtami 2025: इस साल कब है जन्माष्टमी? नोट कर लें डेट और शुभ मुहूर्त और विशेष योग
Updated: Jun 06, 2025, 05:30 PM IST
Share

Krishna Janmashtami 2025 Date: भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को हर साल जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. पौराणिक मान्यता है कि इसी तिथि पर भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इसलिए इस दिन आधी रात को भगवान श्रीकृष्ण का जन्म कराया जाता और उसके अगले दिन जन्मोत्सव मनाया जाता है. श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है. पौराणिक मान्यता है कि भगवान विष्णु ने धर्म की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण के रूप में आठवां अवतार लिया था. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इस साल जन्माष्टमी कब मनाई जाएगी, शुभ मुहूर्त और शुभ योग क्या है. 

कृष्ण जन्माष्टमी 2025 में कब ?

हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व 15 अगस्त 2025, शुक्रवार को धूमधाम से मनाया जाएगा. इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर मंदिरों में विशेष सजावट होती है, भजन-कीर्तन होते हैं और स्कूली बच्चों द्वारा श्रीकृष्ण लीला का मंचन किया जाता है. छोटे बच्चों को बाल गोपाल के रूप में सजाया जाता है और व्रत-उपवास के साथ भक्त दिनभर प्रभु के गुणगान में लीन रहते हैं.

जन्माष्टमी 2025 डेट और मुहूर्त

अष्टमी तिथि प्रारंभ- 15 अगस्त 2025 को रात 11:49 बजे

अष्टमी तिथि समाप्त- 16 अगस्त 2025 को रात 09:34 बजे

श्रीकृष्ण जन्म का मुहूर्त (निशीथ काल): 15 अगस्त की रात 12:26 बजे

जन्माष्टमी की पूजा निशीथ काल में की जाती है क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म इसी समय हुआ था. इसलिए इस समय में जन्माष्टमी पर पूजन करना शुभ रहेगा. 

जन्माष्टमी पर क्या होता है खास?

इस दिन भक्त व्रत रखते हैं और दिनभर भजन-कीर्तन करते हैं.

मंदिरों और घरों में झांकियां सजाई जाती हैं.

दही-हांडी प्रतियोगिताएं आयोजित होती हैं.

रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाता है और इसके बाद व्रत का पारण किया जाता है.

जन्माष्टमी 2025 व्रत का महत्व

जन्माष्टमी व्रत को एकादशी व्रत के समान ही पुण्यदायी माना गया है. पौराणिक मान्यता है कि इस व्रत को रखने से पापों का नाश होता है और घर में सुख, समृद्धि व संतान सुख की प्राप्ति होती है. विशेष रूप से संतानहीन दंपत्ति अगर श्रद्धा से व्रत रखें और लड्डू गोपाल की पूजा करें तो उन्हें संतान सुख मिल सकता है.

कैसे करें जन्माष्टमी व्रत?

व्रत से एक दिन पहले केवल एक बार सात्विक भोजन करें.

जन्माष्टमी के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें.

दिनभर उपवास रखें और भगवान श्रीकृष्ण का ध्यान करें.

रात 12 बजे भगवान के जन्म के समय पूजा करें, आरती करें और उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं.

अगले दिन, जब रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि समाप्त हो जाए, तब व्रत का पारण करें.

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

 

Read More
{}{}