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Death In Panchak In Hindi: पंचक में किसी एक के मरने पर 5 अन्य की भी होती है मृत्यु? क्या है पूरी सच्चाई

Garuda Purana: ज्योतिष शास्त्र में पंचक काल को बहुत अशुभ माना गया है. पंचक को लेकर मान्यता है कि इस समयावधि में अगर किसी एक की मृत्यु हो जाए तो उस व्यक्ति के घर के अन्य 5 लोगों के जीवन पर संकट आ सकता है. इस बारे में गरुड़ पुराण क्या कहता है, आइए इस बारे में विस्तार से जानें.

Death In Panchak
Death In Panchak
Padma Shree Shubham|Updated: May 25, 2025, 10:43 AM IST
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Death In Panchak Mystery: हिंदू धर्म में पंचक काल को अशुभ समय माना गया है. इस दौरान कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं. पंचककाल को लेकर मान्यता है कि इस दौरान दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए क्योंकि यह मृत्यु के देवता यम की दिशा है. ज्योतिष शास्त्र की मानें तो पंचक के दौरान किसी एक व्यक्ति की मृत्यु होती है तो उसके घर के 5 अन्य सदस्यों के जीवन पर संकट मंडराने लगता है. यूं कहें कि पंचक में हुई मृत्यु मतलब है कि घर के पांच लोगों की मृत्यु का डर सताना. हालांकि इसमें कितनी सच्चाई है और इस बारे में गरुड़ पुराण क्या कहता है, आइए विस्तार से जानते हैं.

क्या कहते हैं शास्त्र 
हिंदू मान्यताएं है कि पंचक के समय किसी व्यक्ति की मृत्यु हुई तो उसके परिवार या रिश्तेदारों से पांच अन्य की मृत्यु की अशुभ सूचना आ सकती है. अगर जन्म जैसी कोई शुभ सूचना मिलती है तो ऐसी ही शुभ समाचार लगातार मिल सकते हैं. शास्त्र के अनुसार-
"धनिष्ठ-पंचकं ग्रामे शद्भिषा-कुलपंचकम्।"
"पूर्वाभाद्रपदा-रथ्याः चोत्तरा गृहपंचकम्।"
"रेवती ग्रामबाह्यं च एतत् पंचक-लक्षणम्।।"

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नक्षत्रों का खेल
यानी धनिष्ठा से रेवती तक इन नक्षत्रों की पांच श्रेणियों के बारे में बताया गया है जोकि हैं- ग्राम पंचक, कुल पंचक, रथ्या पंचक, गृह पंचक और ग्रामबाह्य पंचक. अगर धनिष्ठा में जन्म-मरण होता है तो उस गांव या नगर में पांच जन्म होते हैं या पांच अन्य का मरण होता है. शतभिषा नक्षत्र में होने पर उसी कुल में, पूर्वा नक्षत्र में होने पर उसी मुहल्ले-टोले में, वहीं उत्तरा नक्षत्र में होने पर उसी घर में व रेवती नक्षत्र में होने पर दूसरे गांव या नगर में पांच बच्चों का जन्म या पांच व्यक्ति की मृत्यु हो सकती है. पंचक जन्म-मरण के साथ ही पांच नक्षत्र का प्रतीक है. 

पांच मृत्यु के पीछे का सच
ध्यान दें कि जब पांच मृत्युओं की बात होती है तो यह पांच गृहादि में रोग, कष्ट या दुःख आदि के आगम की बात भी हो सकती है जिसका अर्थ ये है कि पांच लोगों की मृत्यु ही हो यह जरूरी नहीं, बल्कि पांच लोगों को कोई रोग, शोक या कष्ट भी हो सकता है.

(Disclaimer - प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. Zee News इसकी पुष्टि नहीं करता है.)

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