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सूरज लगता है बच्चा, निगल सकता है हजारों गैलैक्सी; ब्लैक होल नहीं ये है ब्रह्मांड का सबसे बड़ा 'दैत्य'


Largest Galaxy In The Universe:  वैज्ञानिकों की ओर से की गई एक खोज बताती है कि हमारे ब्रह्मांड में एल्सियोनस आकाशगंगा अबतक की सबसे बड़ी आकाशगंगा है. यह पंखों की तरह फैली हुई है.    

सूरज लगता है बच्चा, निगल सकता है हजारों गैलैक्सी; ब्लैक होल नहीं ये है ब्रह्मांड का सबसे बड़ा 'दैत्य'
Shruti Kaul |Updated: Mar 25, 2025, 02:03 PM IST
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Science News in Hindi:  हमारा ब्रह्मांड कई तरह के रहस्यों से घिरा हुआ है. वहीं वैज्ञानिक इन रहस्यों का पता लगाने के लिए हमेशा कुछ न कुछ खोज निकालते रहते हैं. ऐसी ही एक खोज हुई थी ब्रम्हांड के सबसे विशाल आकाशगंगा (Galaxy) की, जिसका नाम एल्सियोनस आकाशगंगा है. एस्ट्रोनॉमर्स भी हैरान हैं कि यह आकाशगंगा इतनी विशाल कैसे है. इसने पिछली आकाशगंगा IC 1101 का रिकॉर्ड तोड़ा है. 

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एल्सियोनस आकाशगंगा
'लाइव साइंस' की एक रिपोर्ट के मुताबिक एल्सियोनस आकाशगंगा 16.3 मिलियन प्रकाश वर्ष चौड़ी है. इसका डायमीटर IC 1101 के मुकाबले मिल्की वे से 4 गुना चौड़ा है. यह आकाशगंगा धरती से 3 बिलियन प्रकाश पूर्व दूर है. वैज्ञानिकों के मुताबिक एल्सियोनस आकाशगंगा रेडियो गैलेक्सी का मुख्य उदाहरण है, जिसके बीच में एक विशालकाय ब्लैक होल होता है, जो बड़ी मात्रा में किसी पदार्थ को निगलकर उसे बाहर निकाल सकता है. 

पंखों की तरह फैलती है आकाशगंगा 
शोधकर्ताओं के मुताबिक एल्सियोनस आकाशगंगा प्रकाश की गति की तरफ प्लाजमा के 2 जेट भेजता है. लाखों लाइट ईयर्स की यात्रा करने के बाद जब प्लाजमा की किरणें धीमी हो जाती हैं तो यह रेडियो वेव्स के रूप में प्रकाश को उत्सर्जित करके पंखों की तरह फैल जाता है. एल्सियोनस के इतने विशाल लोब अब तक के सबसे बड़े माने जाते हैं. वैज्ञानिक अभी भी इस पर विचार कर रहे हैं कि आखिर यह पंखों की तरह विशाल रूप से कैसे फैल जाता है.  

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एल्सियोनस का रहस्या 
वैज्ञानिकों के मुताबिक एल्सियोनस एक साधारण एलिप्टिकल गैलक्सी है. इसका मास सूर्य से 240 बिलियन गुना ज्यादा है. वहीं इसके बीच में मौजूद ब्लैक होल सूर्य से 400 मिलियन गुना बड़ा है. एल्सियोनस की खोज के बाद वैज्ञानिक पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर आकाशगंगा का आकार किस तरह से बढ़ता है. कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि एल्सियोनस आकाशगंगा के आसपास के इलाके में बाकियों के मुकाबले बेहद कम डेंसिटी है, जिसके चलते इसके जेट्स अभूतपूर्व पैमाने पर फैलने लगते हैं. वहीं कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि एल्सियोनस कॉस्मिक वेब के फिलामेंट के अंदर होता है. यह गैस और डार्क मैटर का एक बेहद बड़ा स्ट्रक्चर है, जो गैलक्सी को कनेक्ट करता है.

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