ISRO Docking Mission: देश में होली की धूम मची है. इसी बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने देश को एक और ऐतिहासिक उपलब्धि दे दी है. हुआ यह है कि इसरो ने अपने स्पेस डॉकिंग एक्सपेरीमेंट Spadex के तहत दो उपग्रहों को सफलतापूर्वक अनडॉक कर दिया है. यह उपलब्धि भारत के अंतरिक्ष मिशनों के लिए एक बड़ा पड़ाव है. इससे भविष्य में भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन और चंद्रयान 4 जैसे मिशनों का मार्ग प्रशस्त होगा. 30 दिसंबर 2024 को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किए गए इस मिशन का उद्देश्य स्पेस डॉकिंग तकनीक का परीक्षण करना था और अब इसकी अनडॉकिंग भी सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी है.
Spadex undocking captured from both SDX-1 & SDX-2!
Watch the spectacular views of this successful separation in orbit.
Congratulations to India on this milestone! #Spadex #ISRO #SpaceTech pic.twitter.com/7u158tgKSG
— ISRO (@isro) March 13, 2025
कैसे हुआ यह अनडॉकिंग मिशन सफल?
असल में इस मिशन में चेसर Chaser और टारगेट Target नाम के दो सैटेलाइट शामिल थे. पहले चरण में चेसर सैटेलाइट ने टारगेट को सफलतापूर्वक डॉक किया था. अब अनडॉकिंग के दौरान इसरो ने एक जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया जिसमें कैप्चर लीवर को रिलीज किया गया. डी कैप्चर कमांड भी जारी हुआ. फिर आखिरकार दोनों उपग्रहों को अलग कर दिया गया. इस तकनीक का विकास भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है जिससे भविष्य में अंतरिक्ष में उपग्रहों की मरम्मत ईंधन भरने और मलबे को हटाने जैसी जटिल प्रक्रियाओं में मदद मिलेगी.
मिशन की सफलता के क्या फायदे होंगे?
पहले तो इसरो की इस सफलता से भारत चौथा ऐसा देश बन गया है जिसने स्पेस डॉकिंग और अनडॉकिंग तकनीक को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है. अब तक यह तकनीक केवल अमेरिका रूस और चीन के पास थी. यह तकनीक भारत को भविष्य में अंतरिक्ष में मॉड्यूल जोड़ने बड़े अंतरिक्ष यानों के निर्माण और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन BAS की स्थापना में मदद करेगी. भारत की योजना 2035 तक अपना खुद का अंतरिक्ष स्टेशन स्थापित करने की है जिसके तहत 2028 में पहला मॉड्यूल लॉन्च किया जाएगा.
भविष्य के मिशनों के लिए कैसे फायदेमंद होगा Spadex?
स्पैडेक्स मिशन की सफलता से गगनयान और चंद्रयान 4 जैसे मानव अंतरिक्ष मिशनों के लिए रास्ता साफ हो गया है. इसरो अब ऐसी तकनीक विकसित कर रहा है जिससे कक्षा में छोड़े गए सैटेलाइट्स को वापस लाया जा सके. जरूरत पड़ने पर उन्हें फिर से ईंधन देकर सक्रिय किया जा सके. इस तकनीक से भविष्य में डीप स्पेस मिशन चंद्रमा और मंगल पर बेस बनाने और अंतरिक्ष में वैज्ञानिक प्रयोगों में काफी मदद मिलेगी.
Congrats team #ISRO. And heartening for every Indian!#SPADEX Satellites accomplished the unbelievable De-Docking… This paves the way for smooth conduct of ambitious future missions including the Bharatiya Antriksha Station, Chandrayaan 4 & Gaganyaan. PM Sh @narendramodi’s…
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) March 13, 2025
इसरो को मिली बधाइयां.. मंत्री बोले विजन का असर
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने इसरो को इस सफलता पर बधाई दी. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि यह हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है. स्पैडेक्स मिशन की सफलता से भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र में कद और ऊंचा हुआ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार स्वदेशी तकनीक को मजबूत कर रहा है और 2040 तक भारतीयों को अंतरिक्ष में भेजने और वहां एक स्थायी उपस्थिति बनाने की दिशा में काम कर रहा है. इसरो की यह सफलता निश्चित रूप से भारत को स्पेस सुपरपावर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है.