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ISRO ने मचाया धमाल, 'महाबली' को मिली पावर की सुपरडोज, हक्की-बक्की रह गई दुनिया

Semi-Cryogenic Engine:  ISRO ने लॉक्स केरोसीन 200T थ्रस्ट सेमीक्रायोजेनिक इंजन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है. सेमी क्रायोजेनिक प्रॉपल्शन में गैर विषैले और गैर खतरनाक प्रॉपेलेंट्स का इस्तेमाल किया जाता है.   

ISRO ने मचाया धमाल, 'महाबली' को मिली पावर की सुपरडोज, हक्की-बक्की रह गई दुनिया
Shruti Kaul |Updated: Mar 29, 2025, 01:44 PM IST
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Semi-Cryogenic Engine: भारतीय स्पेस एजेंसी ISRO ने एक और कमाल दिखाया है. बता दें कि ISRO ने लॉक्स केरोसीन 200T थ्रस्ट सेमीक्रायोजेनिक इंजन का सफलतापूर्वक पहला बड़ा परीक्षण किया है. यह परीक्षण तमिलनाडु के महेंद्रगिरी स्थित ISRO प्रोपेल्शन कॉम्पलेक्स ( IPRC) में किया गया. इसके सफल होने से भारत को भविष्य में होने वाले स्पेस मिशनों के लिए अधिक शक्तिशाली और कुशल इंजन बनाने में काफी मदद मिलेगी. 

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सफलतापूर्वक हुआ परीक्षण 
ISRO ने 2,000 kN के उच्च थ्रस्ट वाले सेमी क्रायोजेनिक इंजन  को विकसित करने में महत्वपूर्ण प्रगति हासिल करने की घोषणा की है. यह इंजन प्रक्षेपण यान Mark-3 (LVM-3) के सेमीक्रायोजेनिक बूस्टर चरण में मदद करेगा. ISRO ने कहा कि सेमीक्रायोजेनिक इंजन विकसित करने के कार्यक्रम में पहली बड़ी सफलता 28 मार्च 2025 को मिली जब तमिलनाडु में महेंद्रगिरि के ISRO प्रोपल्शन कॉम्पलैक्स में इंजन पावर हेड टेस्ट आर्टिकल (PHTA) का पहला हॉट परीक्षण सफल रहा. 

PHTA पर होगा परीक्षण
स्पेस एजेंसी ने बताया कि शुक्रवार ( 28 मार्च 2025) के परीक्षण ने 2.5 सेकंड की परीक्षण अवधि के लिए इंजन के सुचारू इग्निशन और बूस्ट स्ट्रैप मोड संचालन को प्रदर्शित किया. इस दौरान बताया गया कि इस परीक्षण का उद्देश्य 2.5 सेकंड की अल्पावधि में हॉट-फायरिंग करके प्री-बर्नर, टर्बो पंप, स्टार्ट सिस्टम और नियंत्रण घटकों जैसी महत्वपूर्ण उप-प्रणालियों के एकीकृत प्रदर्शन को प्रमाणित करना था. बयान में कहा गया,' परीक्षण पूर्वानुमान के अनुसार हुआ और इंजन के सभी मापदंड उम्मीद के मुताबिक रहे. इस सफलता के साथ ISRO पूरी तरह से एकीकृत इंजन के निर्माण से पहले PHTA पर कई परीक्षण करने की योजना बना रहा है ताकि इसके प्रदर्शन को और अधिक प्रमाणित और रिफाइन किया जा सके.' 

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भविष्य के मिशनों में मिलेगी मदद 
ISRO ने कहा कि ISRO का लिक्विड प्रॉपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) सेमी क्रायोजेनिक प्रॉपल्शन इंजन और स्टेज का विकास कर रहा है. स्पेस एजेंसी ने बताया कि 2,000 kN सेमी-क्रायोजेनिक इंजन (SE2000) द्वारा संचालित स्टेज (SC120) पेलोड वृद्धि के लिए LVM-3 के वर्तमान कोर लिक्विड स्टेज (L110) की जगह लेगा और भविष्य के प्रक्षेपण यानों के बूस्टर चरणों को शक्ति प्रदान करेगा. सेमी क्रायोजेनिक प्रॉपल्शन में गैर विषैले और गैर खतरनाक प्रॉपेलेंट्स ( लिक्विड ऑक्सीजन और मिट्टी का तेल) का इस्तेमाल किया जाता है और यह मौजूदा L110 स्टेज की तुलना में ज्यादा अच्छे से प्रदर्श करता है. ( इनपुट-भाषा)  

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