trendingNow12605385
Hindi News >>विज्ञान
Advertisement

James Webb Space Video: ऐतिहासिक! ब्रह्मांड का यह हिस्सा हमेशा छिपा रहता है, अचानक चमक उठा... जेम्स वेब टेलीस्कोप ने बनाया वीडियो

Interstellar Gas and Dust Photo: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने आकाशगंगाओं के बीच मौजूद अंतरतारकीय गैस और धूल के बादलों का फोटो लिया है. ये बादल वैसे तो नजर नहीं आते, लेकिन सदियों पुराने सुपरनोवा की वजह से ये अचानक चमक उठे.

James Webb Space Video: ऐतिहासिक! ब्रह्मांड का यह हिस्सा हमेशा छिपा रहता है, अचानक चमक उठा... जेम्स वेब टेलीस्कोप ने बनाया वीडियो
Deepak Verma|Updated: Jan 17, 2025, 05:23 PM IST
Share

James Webb Space Telescope: जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने ब्रह्मांड के उस हिस्से की झलक दिखाई है, जो अमूमन नजर नहीं आता. JWST ने 11,000 प्रकाश वर्ष दूर, हमारी आकाशगंगा के कैसिओपिया (Cassiopeia) तारामंडल में स्थित गैस और धूल के एक विशाल बादल को देखा है. यह दुर्लभ नजारा उस समय कैद किया गया जब एक सदियों पुराने सुपरनोवा के प्रकाश ने इस अंतरतारकीय पदार्थ को रोशन कर दिया. इस प्रकाश ने धूल और गैस को गर्म किया, जिससे वे चमकने लगे. JWST द्वारा कैप्चर किए गए इन डेटा ने गैस और धूल की जटिल संरचना को दिखाया है, जिसे पहले कभी इतनी स्पष्टता से नहीं देखा गया था.

स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट के एस्ट्रोनॉमर जोश पीक ने 14 जनवरी को अमेरिकन एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी (AAS) की प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'यह ठंडे अंतरतारकीय माध्यम की बुनियादी समझ को पूरी तरह से बदल देगा.' 

'लाइट इको' की स्टडी

धूल और गैस का यह परावर्तित प्रकाश JWST की इन्फ्रारेड नजर से देखा गया. यह घटना 'लाइट इको' कहलाती है, जिसमें सुपरनोवा विस्फोट से निकली X-rays और अल्ट्रावायलेट रोशनी अंतरतारकीय गैस और धूल से टकराकर परावर्तित होती है. वैज्ञानिकों का कहना है कि इस प्रकाश गूंज (echo) की स्टडी करते हुए वे उस तारे के बारे में जान सकते हैं जिसने सदियों पहले विस्फोट किया था.

कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिक जैकब जेनसन ने कहा, 'यह इको सुपरनोवा फ्लैश से प्रेरित है, और इसे अध्ययन कर हम उस तारे के इतिहास और उसके अंतिम समय की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.'

यह भी पढ़ें: हर 6.5 घंटे में घूमती है, ब्रह्मांड में ऐसी चीज तो होनी ही नहीं चाहिए! खोज से चौंके सभी वैज्ञानिक

ब्रह्मांड का 'सीटी स्कैन'

रिसर्चर्स के अनुसार, JWST द्वारा कैप्चर की गईं तस्वीरें एस्ट्रोनॉमी में 'मेडिकल CT स्कैन' के बराबर मानी जा रही हैं. इनसे गैस और धूल की संरचनाओं में नई और अद्वितीय पैटर्न का खुलासा हुआ है. इन संरचनाओं में धूल की पतली परतें, बेहद छोटे पैमाने पर बनी जटिल संरचनाएं, और 'मैग्नेटिक आइलैंड्स' जैसे फीचर्स शामिल हैं.

जोश पीक ने कहा, 'हम मानते हैं कि हर घना और धूल भरा क्षेत्र, जिसे हम देखते हैं या नहीं देख पाते, अंदर से इसी तरह का दिखता है. लेकिन हमने पहले कभी इनका अंदरूनी हिस्सा नहीं देखा था.' वैज्ञानिक इस डेटा का इस्तेमाल करते हुए इन रहस्यमयी संरचनाओं का त्रि-आयामी (3D) मानचित्र बनाने की योजना बना रहे हैं.

भयानक खोज: सूर्य से 70 करोड़ गुना बड़ा ब्लैक होल पृथ्‍वी की तरफ फेंक रहा एनर्जी बीम

मैग्नेटिक नॉट्स की खोज

सबसे दिलचस्प खोज इन 'मैग्नेटिक नॉट्स' की है. ये चुंबकीय गांठें उस प्रक्रिया को समझने में मदद कर सकती हैं, जिसमें गैस अपना चुंबकीय क्षेत्र खोकर तारों के निर्माण के लिए ढहती है. हालांकि यह प्रक्रिया पूरी तरह से समझ में नहीं आई है, लेकिन यह खोज इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

विज्ञान के क्षेत्र की नवीनतम अपडेट्स के लिए ज़ी न्यूज़ से जुड़े रहें! यहां पढ़ें Latest Science News In Hindi और पाएं Breaking News in Hindi देश-दुनिया की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार. जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!

Read More
{}{}