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मंगल ग्रह पर एक-एक कर फटेंगे ज्वालामुखी? शुरू हो गई प्रक्रिया, वैज्ञानिक भी चौंके

Science News: हाल ही में वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह के नीचे एक विशालकायी रहस्यमयी संरचना दिखी है. इससे भविष्य में ज्वालामुखी फटने का अंदेशा लगाया जा रहा है.  

मंगल ग्रह पर एक-एक कर फटेंगे ज्वालामुखी? शुरू हो गई प्रक्रिया, वैज्ञानिक भी चौंके
Shruti Kaul |Updated: May 19, 2025, 01:26 PM IST
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Mysterious Structure Under Mars: वैज्ञानिकों ने मंगल ग्रह के नीचे एक विशालकायी रहस्यमयी संरचना देखी है. ये संरचनाएं रेड प्लेनेट के अंदर एक बड़े से ज्वालामुखी वाले इलाके में दबी हुई है. यह कई किलोमीटर तक फैली है. मंगल ग्रह पर थार्सिस मोंटेस के नीचे छिपी इस संरचना ने वैज्ञानिकों को हैरान किया है. ये इलाका हमेशा से शोधकर्ताओं को आकर्षित करता है क्योंकि यहां सोलर सिस्टम का सबसे बड़ा ज्वालामुखी ओलंपस मॉन्स स्थित है.      

मेंटल से ऊपर उठ रही है संरचनाएं 
बता दें कि थार्सिस मोंटेस में तीन अन्य ज्वालामुखी भी हैं, जिसमें पैवोनिस मॉन्स, एस्क्रेअस मॉन्स और अर्सिया मॉन्स शामिल हैं,  हालांकि मंगल ग्रह पर अब कोई भी एक्टिव ज्वालामुखी नहीं है. रिसर्च पेपर में बताया गया है कि ये संरचनाएं तकरीबन 1,750 किलोमीटर चौड़ी और 1,100 किलोमीटर गहराई पर स्थित हैं. इसका वजन काफी हल्का है. माना जाता है कि यह मंगल के मेंटल से ऊपर उठ रहा है. लेखकों का मानना ​​है कि यह खोज इस संभावना की तरफ इशारा करती है कि रेड प्लेनेट के अंदर आज भी कुछ भूवैज्ञानिक गतिविधियां होती रहती हैं, जिससे सतह पर नई ज्वालामुखी संरचनाएं पैदा होती हैं.  

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इलाके में हैं कई ज्वालामुखी
यह स्टडी 'जर्नल जेजीआर: प्लेनेट्स लास्ट ईयर' में पब्लिश है, जिसका नेतृत्व डेल्फ्ट टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के डॉक्टर बार्त रूट की ओर से किया गया. माना जाता है कि थार्सिस मोंटेस कुछ करोड़ों साल पुराना है. वैज्ञानिकों ने इस इलाके में काफी ज्यादा ज्वालामुखी होने पर यहां रुचि दिखाई थी, हालांकि अब इनमें से कोई भी एक्टिव नहीं है, हालांकि खोजकर्ताओं का मानना है कि ज्वालामुखी के अंदर पाई जाने वाली यह संरचना दिखाती है कि भविष्य में ज्वालामुखी के एक्टिव होने की संभावना है.  

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भविष्य में एक्टिव हो सकता है ज्वालामुखी? 
शोधकर्ताओं ने बताया कि यह संरचना थारिस मोंटेस के नीचे उठने वाला एक मेंटल प्ल्यूम है. वहीं रिसर्च पेपर में लेखकों ने बताया कि प्लयूम का सिर भविष्य में ज्वालामुखी को एक्टिव करने के लिए ऊपर लिथॉसफेयर की तरफ बह रहा है. अगर ये सतह तक पहुंचता है तो इससे कई ज्वालामुखी फट सकते हैं. वैज्ञानिकों ने कहा कि ऐसा इसलिए संभव है क्योंकि थारिस मोंटेस रेड प्लेनेट की बाकी सतह से अधिक ऊंचाई पर है यानी यह इसे ऊपर की ओर धकेल रहा है. 

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