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धरती से 5 गुना बड़ा.. हीरों से भरा ग्रह मिल गया! NASA की नई खोज से दुनिया में मचा तहलका

Science News: इस ग्रह का तापमान बहुत अधिक है. चूंकि यह अपने तारे के बहुत करीब स्थित है इसलिए यह मात्र 17 घंटों में अपनी कक्षा का एक चक्कर पूरा कर लेता है. यह खोज वैज्ञानिकों के लिए बेहद निर्णायक बताई जा रही है.

धरती से 5 गुना बड़ा.. हीरों से भरा ग्रह मिल गया! NASA की नई खोज से दुनिया में मचा तहलका
Gaurav Pandey|Updated: Mar 21, 2025, 11:45 AM IST
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Diamond Planet: अंतरिक्ष की दुनिया गजब है. कई बार यहां की नई खोजें रहस्यों को समझने का मौका देती हैं. लेकिन कई बारे तहलका मचा देती हैं. इसी कड़ी में हाल ही में नासा के जेम्स वेब टेलीस्कोप ने एक चौंकाने वाली खोज की है. एक ऐसा ग्रह जो न केवल धरती से पांच गुना बड़ा है बल्कि हीरों से भरा हो सकता है. वैज्ञानिकों ने इस ग्रह को 55 कैन्क्री ई (55 Cancri e) नाम दिया है जो धरती से 41 प्रकाश वर्ष दूर स्थित है. इस खोज ने खगोल विज्ञान जगत में नई संभावनाओं को जन्म दिया है. हलांकि इस पर अभी तमाम जानकारियां सामने आना बाकी है.

हीरों से भरा ग्रह.. कहा जा रहा सुपर-अर्थ
इंटरनेशनल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 55 कैन्क्री ई को सुपर-अर्थ की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि इसका आकार धरती से करीब पांच गुना बड़ा है. वैज्ञानिकों के अनुसार इस ग्रह का एक बड़ा हिस्सा हीरों और ग्रेफाइट जैसी कार्बन संरचनाओं से बना हो सकता है. यह खोज न केवल हमारी पारंपरिक ग्रह संरचना की समझ को चुनौती देती है बल्कि यह भी बताती है कि ब्रह्मांड में कितनी विविधता हो सकती है.

ये उबलता हुआ लावा ग्रह है?
इस ग्रह का तापमान बहुत अधिक है. चूंकि यह अपने तारे के बहुत करीब स्थित है इसलिए यह मात्र 17 घंटों में अपनी कक्षा का एक चक्कर पूरा कर लेता है. इस वजह से इसका सतह तापमान 2400 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. जिससे यह पूरी तरह पिघले हुए लावा में तब्दील हो जाता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इस भीषण गर्मी में जीवन की संभावना न के बराबर है.

ग्रह की अनोखी संरचना और रहस्य
धरती की तुलना में 55 कैन्क्री ई का वातावरण पूरी तरह अलग है. वैज्ञानिकों ने इसके चारों ओर एक विशेष वायुमंडल secondary atmosphere की मौजूदगी का संकेत दिया है. जो शायद ज्वालामुखीय गतिविधियों के कारण बना है. इससे ग्रह की अस्थिरता और अधिक बढ़ जाती है जो इसे अध्ययन के लिए और भी रोचक बनाता है.

अंतरिक्ष विज्ञान में ऐतिहासिक मोड़
यह खोज वैज्ञानिकों के लिए बेहद अहम है क्योंकि यह ग्रहों के निर्माण की हमारी समझ को चुनौती देती है. कार्बन-आधारित ग्रहों की खोज से यह सवाल उठता है कि क्या अन्य ग्रहों पर भी ऐसे तत्व मौजूद हो सकते हैं. इनका उपयोग भविष्य में किया जा सके. साथ ही यह हमें यह भी बताता है कि अलग-अलग स्थितियों में ग्रहों का विकास कैसे होता है.

भविष्य की खोजों की दिशा
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक वैज्ञानिक अब इस ग्रह के बारे में और गहराई से अध्ययन करने की योजना बना रहे हैं. इस खोज से यह भी संकेत मिलता है कि ब्रह्मांड में कई और ऐसे ग्रह हो सकते हैं जिनमें दुर्लभ धातुएं या रत्न हो सकते हैं. 55 कैन्क्री ई जैसी खोजें ब्रह्मांड को समझने में मदद करेंगी. साथ ही यह भी संकेत देंगी कि भविष्य में अंतरिक्ष में संसाधनों की खोज किस दिशा में जा सकती है. सांकेतिक तस्वीर

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