Super Earth: इस ग्रह का आकार और वजन इसे एक खास कैटेगरी में रखते हैं जिसे वैज्ञानिक रेडियस गैप कहते हैं. यह उन दुर्लभ ग्रहों का समूह है जो धरती जैसे छोटे, पथरीले ग्रह और Neptune जैसे गैसीय ग्रहों के बीच में है. इसी कारण से वैज्ञानिक मान रहे हैं कि TOI-1846b के पतले वातावरण के नीचे बर्फ की मोटी परत हो सकती है या फिर कोई महासागर भी हो सकता है.
कितना है सुपर अर्थ का तापमान?
इस ग्रह की सतह का तापमान 300 डिग्री तक है, हालांकि फिर भी वैज्ञानिकों का मानना है कि वहां पानी मौजूद हो सकता है. ऐसा इसलिए क्योंकि यह ग्रह ज्वार-भाटे से घिरा हो सकता है. आसान शब्दों में कहें तो ग्रह का एक हिस्सा तारे की तरफ रहता है और दूसरा हिस्सा अंधेरे में. अगर ऐसा हुआ तो ठंडे और अंधेरे वाले में पानी छिपा हो सकता है.
क्या वहां जीवन मुमकिन है?
इस सवाल का जवाब इस पर निर्भर करता है कि ग्रह के वायुमंडल में गर्मी कैसे फैलती है. हालांकि वैज्ञानिकों का मानना है कि इतने अधिक तापमान के साथ वहां जीवन की संभावनी बहुत कम है. मोरक्को की ओउकेमेडेन वेधशाला में अब्देरहमाने सोबकिउ और उनकी टीम ने चार महाद्वीपों के वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इस ग्रह की खोज की पुष्टि की है. साथ ही टीम ने पाया कि यह ग्रह अपने तारे का एक चक्कर सिर्फ 4 दिन में पूरा कर लेता है.
कैसे काम करता है TESS?
TESS(Transiting Exoplanet Survey Satellite)चार कैमरों की मदद से हर 30 मिनट में आकाश को देखता है. यह तारों की रोशनी में होने वाली छोट-छोटी कमियों का पता लगाता है. जब भी यह ग्रह अपने तारे के सामने से निकलता है तो यह कुछ रोशनी को रोक लेता है. लेकिन ग्रह के बारे में और भी जानने के लिए और भी एडवांस डिवाइस की जरूरत है.
कितनी है टेलीस्कोप की कीमत?
नासा के वैज्ञानिक James Webb Telescope की मदद से TOI-1846b के वातावरण का इंफ्रारेड लाइट से अध्ययन करने का सोच रहे हैं. 10 अरब डॉलर की कीमत वाले टेलीस्कोप ने पिछले महीने ही अपना पहला एक्स्पोप्लैनेट खोजा था और अभी भी यह अंतरिक्ष में घूमते दूसरे ग्रहों का अध्ययन कर रहा है.