Science News in Hindi: NASA के जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (JWST) ने एक अनोखे ग्रह की खोज की है. उसके ऑब्जर्वेशंस से ऐसे ग्रह के अस्तित्व की पुष्टि हुई जो हमारे सौरमंडल में पाए जाने वाले ग्रहों से बिल्कुल अलग है. GJ 1214 b नामक इस ग्रह को 'सुपर-वीनस' कहा जा रहा है क्योंकि इसके गुण शुक्र (Venus) से काफी मिलते हैं. इसके बारे में Astrophysical Journal Letters में छपी एक स्टडी में विस्तार से बताया गया है.
'सुपर-वीनस' एक्सोप्लैनेट GJ 1214 b
GJ 1214 b एक एक्सोप्लैनेट (ऐसा ग्रह जो किसी दूसरे तारे की परिक्रमा करता है) है. यह पृथ्वी के द्रव्यमान से 8.41 गुना भारी है और इसकी परिक्रमा का समय मात्र 1.6 पृथ्वी दिन है. GJ 1214 b की खोज 2009 में हुई थी, और यह पृथ्वी से सिर्फ 48 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित है.
JWST के नए एनालिसिस से पता चला कि GJ 1214 b का वातावरण न तो हाइड्रोजन-युक्त है और न ही पानी-युक्त. इसके बजाय, यह कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) से समृद्ध है. यह खोज हैरान करने वाली थी और इसे 'सुपर-वीनस' की कैटेगरी में रखा गया.
यह भी देखें: करोड़ों तारे, सूर्य से बड़े हैं सारे! NASA के हबल टेलीस्कोप ने खींचा एंड्रोमेडा गैलेक्सी का सबसे बड़ा फोटो
Venus से मिलती-जुलती खासियतें
GJ 1214 b को शुक्र (Venus) का बड़ा रूप कहा जा सकता है. शुक्र के वातावरण में 96% CO2 होती है और इसका वायुमंडलीय दबाव पृथ्वी की सतह के दबाव से 93 गुना अधिक है. इसी तरह, GJ 1214 b का वातावरण भी घने CO2 से बना हुआ हो सकता है. यानी यहां जीवन पनपने की संभावना नहीं है.
हैरतअंगेज! अंतरिक्ष से धरती पर आई आफत, पहली बार रिकॉर्ड हुआ उल्कापिंड गिरने का पूरा ऑडियो और वीडियो
अब तक खोजे गए 5,000 से अधिक एक्सोप्लैनेट्स में से कई का आकार पृथ्वी और नेपच्यून के बीच है. एस्ट्रोनॉमर्स यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि ये ग्रह चट्टानी हैं या बर्फीले. GJ 1214 b ने इस सवाल का थोड़ा सा जवाब दिया है, लेकिन इसका CO2-समृद्ध वातावरण इसे 'सुपर-अर्थ' या 'सब-नेप्च्यून' के बजाय 'सुपर-वीनस' बनाता है.