Island is Sinking: तुवालु के नौ छोटे-छोटे द्वीपों पर समुद्र के डूबने का खतरा मंडरा रहा है. यहां रहने वाले 11,000 लोगों का भविष्य काफी संकट में दिख रहा है. जलवायु परिवर्तन काफी तेजी से होने के कारण यह देश पूरी दुनिया के लिए एक चेतावनी सा बन गया है जो हमें आने वाले खतरे के लिए आगाह कर रह है. तुवालु की औसत ऊंचाई सिर्फ 2 मीटर है जो बहुत ही कम है.
समुद्र का बढ़ता स्तर
मात्र 2 इंच की औसत ऊंचाई होने के कारण तुवालु खतरे में है, नासा की मानें तो पिछले 30 सालों में ही समुद्र के स्तर में 6 इंच की बढ़ोतरी हुई है. इससे द्वीपों के डूबने का खतरा और भी ज्यादा हो गया है. इसी बीच NASA का अनुमान है कि 2050 तक तुवालु की राजधानी फुनाफुटी का आधा हिस्सा डूब सकता है. यहां रहने वाली 60 फीसदी आबादी सबसे ज्यादा खतरे में है. समुद्र स्तर 2100 तक और तेजी से बढ़ सकता है.
2100 तक हर तरफ पानी ही पानी
शोधकर्ताओं का कहना है कि, सन् 2100 तक फुनाफुटी की 95 प्रतिशत जमीन पानी के अंदर समा सकती है. इस वजह से खेती करने और पीने के पानी में तमाम मुश्किलें आएंगी और भूजल भी खारा हो जाएगा. यहां के एक स्थानीय नागरिक ने Reuters को बताया कि द्वीप के डूबने का डर उन्हें सता रहा है जो उन्हें बच्चे पैदा करने से भी रोक रहा है.
ऑस्ट्रेलिया ने बढ़ाया मदद का हाथ
ऑस्ट्रेलिया ने तुवालु की मदद करने के लिए फालेपिली संधि की है जिसके तहत हर साल 280 नागरिक ऑस्ट्रेलिया में आकर बस सकते हैं. इसके अलावा उन्हें पढ़ाई, स्थायी निवास और काम भी दिया जाएगा. हवाई और ऑस्ट्रेलिया के बीच बसा इस छोटे से द्वीप का पुराना नाम एलिस आईलैंड था.