Storm Around Saturn: अमेरिका की स्पेस एजेंसी NASA ने अपनी 35वीं वर्षगांठ के मौके पर अपने शुरुआती दिनों की कुछ तस्वीरें शेयर की है, जिसमें साल 1990 में NASA के हब्बल स्पेस टेलीस्कोप ( HST) की ओर से शनि एक भूमध्य रेखा की तरफ बने एक विशाल तूफान की तस्वीर भी शामिल है. इस विशाल तूफान को 'ग्रेट व्हाइट स्पॉट' भी कहा जाता है.
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शनि पर देखा गया पहला तूफान
इस विशालकाय तूफान को एस्ट्रोनॉमर्स ने सितंबर 1990 में डिटेक्ट किया था. यह साल 1933 के बाद शनि पर देखा गया पहला भूमधय्यरेखा तूफान था. यह शोधकर्ताओं के लिए जीवन में सिर्फ एक बार होने वाली घटना बन गई थी. यह तूफान शनि के पूरे इक्वेटर में फैला हुआ था. इसके पास 120,000 किलोमीटर में बादलों का समूह और एक घमूता हुआ रिंग दिखाई दिया था.
हब्बल के प्लेनेटरी कैमरा ने इस नजारे को 17 नवंबर साल 1990 में 8 कक्षाओं के दौरान कैप्चर किया था. इस दौरान शनि को परिक्रमा करते हुए एक रंगीन फिल्म बनाई गई.
तूफान के कारण
NASA और व्हाइट स्पॉट ऑब्जर्विंग टीम के वैज्ञानिकों ने शनि की सूर्य से बढ़ती नजदीकियों के कारण इमेजिंग के असुरक्षित होने से पहले ही हब्बल के कार्यक्रमों को अस्थायी रूप से रोक दिया था. डाटा प्रोसेसिंग ने हब्बल के गोलाकार विपथन से सभी आर्टिफैक्ट्स को हटा दिया, जिसमें 700 किलोमीटर तक के छोटे डीटेल्स नजर आए. रिसर्चर्स ने डाटा का इस्तेमाल करके हवा की गति, बादलों की संरचना और तूफान के कारणों की जांच करने का लक्ष्य रखा.
शनि में अब कब आएगा तूफान
'कैलटेक रिसर्च स्टडीज' से पता चलता है कि ये इवेंट तब होता है जब वायुमंडल का वॉटर वेपर ठंडा होता है और शनि के ऊपरी वायुमंडल को अस्थिर करता है. साल 1990 का तूफान शनि के मौसम विज्ञान की रिसर्च के लिए बेंचमार्क बना हुआ है. साल 2010 के मिडलैटिट्यूड इरप्शन जैसे बाद के तूफानों ने भी प्लेनेटरी स्केल जैसे कुछ प्रभाव दिखाए हैं, लेकिन इसकी लोकेशन और फ्रिक्वेंसी पर इसका प्रभाव अलग है. संभवान जताई गई है कि शनि का अगला भूमध्यरेखीय तूफान साल 2040 से पहले नहीं आएगा.