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चीन क्या करके मानेगा? स्पेस में ढूंढ निकाला 'रहस्यमय बैक्टीरिया', वैज्ञानिक भी हैरान

New Bacteria found on Space Station: तियांगोंग स्पेस स्टेशन ऐसे बैक्टीरिया का घर बन गया जो वैज्ञानिकों के लिए काफी चौंकाने वाला है. चीन के तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर वैज्ञानिकों 'रहस्यमय' बैक्टीरिया की मौजूदगी का खुलासा किया है.

चीन क्या करके मानेगा? स्पेस में ढूंढ निकाला 'रहस्यमय बैक्टीरिया', वैज्ञानिक भी हैरान
Md Amjad Shoab|Updated: May 22, 2025, 07:17 PM IST
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New Bacteria found on Space Station: हमारे आस-पास कई तरह के बैक्टीरिया पाए हैं, जिनमें से सेहत के लिए कुछ अच्छे तो कुछ खराब होते हैं. लेकिन आप यकीन करेंगे की कि इंसानों के आस पास रहने वाला ये बैक्टीरिया अब स्पेस तक पहुंच चुका है?  ऐसा हुआ है. चीन के तियांगोंग स्पेस स्टेशन पर वैज्ञानिकों 'रहस्यमय' बैक्टीरिया की मौजूदगी का खुलासा किया है. ये खोज से न सिर्फ एस्ट्रोनॉट्स की सेहत के लिए एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है, बल्कि वैज्ञानिकों को भी हैरान कर दिया है. आखिर यह बैक्टीरिया स्पेस में कहां से आया. 

तियांगोंग स्पेस स्टेशन में ऐसे बैक्टीरिया का घर बन गया जो इंसानों के लिए बिल्कुल नया है. इसके बारे में काफी दिनों तक किसी को कुछ पता नहीं था. हालांकि, अब इंटरनेशनल जर्नल ऑफ सिस्टमैटिक एंड इवोल्यूशनरी माइक्रोबायोलॉजी में इस बात का खुलासा किया है.

स्पेस में बैक्टीरिया कब हुई खोज? 
बैक्टीरिया की इस नई प्रजाति जून 2023 में देखी गई थी. इस सूक्ष्म जीव का नाम नियालिया तियांगोंगेंसिस रखा गया है. खास बात यह है कि इस बैक्टीरिया को तियांगोंग स्पेस स्टेशन से सतह के नमूनों में पाया गया था और उन्हें शेनझोउ मिशन-15  द्वारा पृथ्वी पर वापस लाया गया था. यह जमीनी बैक्टीरिया की एक प्रजाति नियालिया सर्कुलांस के करीब समान है.

चीन में पहली बार हुआ ऐसा
यह पहली बार है जब चीन के पृथ्वी की निचली कक्षा के स्पेस स्टेशन पर एक नई सूक्ष्मजीव प्रजाति को अलग किया गया है. ये बैक्टीरिया एरोबिक, स्पोर्स बनाने वाले और छड़ के आकार के होते हैं. हालांकि यह ऊपर बताई गई स्थलीय प्रजातियों से कुछ हद तक मिलता-जुलता है, लेकिन इसमें पाए जाने वाले स्ट्रेन में अहम जेनेटिक वेरिएशन हैं. वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि इस खोज से रिसर्चर को पृथ्वी के बाहर सूक्ष्मजीवों के विकास को समझने में मदद मिलेगी. इसमें जिलेटिन को विघटित करने की यूनिक एबिलिटी भी पाई गई, एक ऐसी खासियत जो जीवन के लिए आदर्श रूप से अनुपयुक्त वातावरण में जीवन को बनाए रख सकती है.

रिसर्च पेपर में कहा गया है कि नियालिया तियांगोंगेंसिस में दो प्रोटीनों में स्ट्रक्चरल और फंक्शनल मोडिफिकेशन हुए हैं. इससे बैक्टीरिया की बायोफिल्म फॉर्मेशन पोटेंशियल बढ़ सकती है और रेडिएशन इमेज से खुद को ठीक करने में भी मदद मिल सकती है.

क्या तियांगोंग पर पाए जाने वाले बैक्टीरिया एस्ट्रोनॉ्टस को नुकसान पहुंचा सकते हैं?
यह अभी तक मालूम नहीं है कि बैक्टीरिया एस्ट्रोनॉटस को इफेक्ट कर सकता है या नहीं. हालांकि, यह समझना अहम है कि बैक्टीरिया फ्यूचर में होने वाले आलूदगी ( contamination ) से बचने के लिए कैसे म्यूटेटेड और बढ़ता है, खासकर तब जब इंसान चांद और मंगल पर जाने की कोशिश कर रहे हैं. इससे पहले इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर भी बैक्टीरिया के स्ट्रेंस पाए गए हैं. वैज्ञानिकों को लगता है कि ये बैक्टीरिया मंगल ग्रह पर भोजन उगाने की कुंजी हो सकते हैं.

बैक्टीरिया की 26 प्रजातियों की खोज
कुछ सप्ताह पहले यह ऐलान किया था की कि नासा के स्पेस मिशनों पर काम करने वाले क्लीनरूम में नए जीव पाए गए हैं. भारतीय वैज्ञानिकों ने नासा जेट प्रोपल्शन प्रयोगशाला ( Jet Propulsion Laboratory ) और सऊदी अरब के संस्थानों के साथ मिलकर बैक्टीरिया की 26 ऐसी प्रजातियों की खोज की है जो स्पेस के कठोर वातावरण में भी टिक सकती हैं. इन 26 सूक्ष्मजीवों में से कुछ को एक्सट्रीमोफाइल्स के नाम से जाना जाता है. ये एक्सट्रीमोफाइल्स स्पेस में फैल सकते हैं और विकिरण से भरे वातावरण में जिंदा रह सकते हैं.

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