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वैज्ञानिकों ने लैब में तैयार किया मिनी ब्रेन...इंसानी दिमाग की तरह करेगा काम, मिलेंगे ये सारे फायदे

Mini Brain: वैज्ञानिकों ने एक ऐसा मॉडल तैयार किया है जो इंसान के दिमाग जैसा ही दिखता और काम करता है. इसे मल्टी रीजन ब्रेन ऑर्गेनॉइड(MRBO)कहा जाता है. ये मॉडल 40 दिन के किसी बच्चे जैसा है जिसमें दिमाग के सारे हिस्से और छोटी-छोटी खून की नसें भी हैं. इसे लैब में ही तैयार किया गया है.   

वैज्ञानिकों ने लैब में तैयार किया मिनी ब्रेन...इंसानी दिमाग की तरह करेगा काम, मिलेंगे ये सारे फायदे
Shubham Pandey|Updated: Aug 07, 2025, 06:51 AM IST
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Science Latest News: वैज्ञानिकों ने ऐसी रिसर्च की है जिसमें इंसान के दिमाग से जुड़ी बीमारियों को समझने और उनका इलाज ढूंढने में काफी मदद मिल सकती है. अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने लैब में एक छोटा सा ब्रेन तैयार किया है जिसे मिनी-ब्रेन कहा जाता है. ये Mini Brain किसी इंसानी दिमाग की तरह ही काम करता है. इसकी मदद से ऑटिज्म, डिप्रेशन और अल्जाइमर जैसी बीमारियों को समझने में काफी मदद मिल सकती है. इस रिसर्च से भारत को काफी फायदा पहुंच सकता है क्योंकि यहां ये बीमारियों तेजी से बढ़ रही हैं. 

क्या है मिनी ब्रेन?
यह एक ऐसा मॉडल है जिसे वैज्ञानिकों ने लैब में तैयार किया है. यह देखने और काम करने में इंसानों के दिमाग जैसा ही है. इसे मल्टी रीजन ब्रेन ऑर्गेनॉइड(MRBO)भी कहा जाता है. खास बात ये है कि ये मॉडल किसी 40 दिन के बच्चे जैसा है. इसमें दिमाग के सारे हिस्से और खून की नसें भी हैं. यह मिनी ब्रेन हमारे दिमाग की तरह ही बिजली के सिग्नल भी भेजता है.

भारत की कैसे करेगा मदद?
अपने देश में ऑटिज्म और अल्जाइमर जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. आंकड़ों की मानें तो देश में लगभग 1.5% बच्चे Autism से प्रभावित हैं और 50 लाख से भी ज्यादा बुजुर्ग लोग अल्जाइमर से जूझ रहे हैं. इन बीमारियों का सही इलाज ढूंढना काफी मुश्किल हो जाता है क्योंकि ज्यादातर दवाओं की जांच चूहों पर की जाती हैं लेकिन वो दवाएं इंसानों के लिए कारगर साबित नहीं होती. मिनी ब्रेन इस मुश्किल को हल कर सकता है. भारतीय वैज्ञानिकों का कहना है कि इसकी मदद से भविष्य में आने वाले समय में हर मरीज के लिए खास दवाएं बनाई जा सकती हैं. 

इंडिया के लिए कैसे है खास?
IHBAS प्रोफेसर और मनोचिकित्सक डॉ.ओम प्रकाश कहते हैं कि मिनी ब्रेन जैसे मॉडल से हमें इन बीमारियों को अच्छे से समझने में काफी मदद मिल सकती है. भारत में मानसिक स्वास्थ सेवाओं की कमी है इसलिए ये तकनीक मरीजों के लिए सस्ता और सही इलाज ढूंढने में मदद कर सकती है. इससे भारत स्वास्थ से जुड़ी रिसर्च में आगे निकल सकता है. 

कैसे होगा फायदेमंद?
ये मिनी ब्रेन ना सिर्फ दवाओं की जांच में मदद करेगा बल्कि ये भी बताएगा कि कौन सी दवा किस मरीज के लिए सबसे अच्छी रहेगी. साथ ही आने वाले समय में ये तकनीक ऑर्गेनॉइड इंटेलिजेंस की तरफ जा सकती है. इसका मतलब है कि दिमाग जैसे मॉडल का इस्तेमाल बायो-कम्प्यूटिंग मे हो सकता है. लेकिन, वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि बहुत जरूरी है कि इस तकनीक का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए.

FAQ
1- क्या है मिनी ब्रेन?
Ans: ये लैब में तैयार किया गया इंसानी दिमाग का मॉडल है. 

2- ये कैसे काम करता है?
Ans: यह मिनी ब्रेन इंसान के दिमाग की तरह बिजली के सिग्नल भेजता है. 

3- इससे किन बीमारियों के इलाज में मदद मिलेगी?
Ans: इसकी मदद से ऑटिज्म, डिप्रेशन और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के इलाज में मदद मिलेगी.

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