Science News: अक्सर देखा जाता है कि वैज्ञानिक कोई न कोई ऐसी खोज करते हैं या कुछ न कुछ ऐसा बनाते हैं जिसपर दुनिया भर की नजरें चली जाती है. एक बार फिर वैज्ञानिकों को सबसे अनोखी यात्राओं में से एक की यात्रा करने में सफलता मिली है. वैज्ञानिकों ने ऐसा कंटेनर बनाया है जिसके जरिए एंटीमैटर को ले जाया जाएगा. इसके जरिए एंटीमैटर के अध्ययन में तेजी आ सकती है. जिससे ब्रह्मांड के काम करने के तरीके को समझा जा सकता है.
इसे नेचर जर्नल में प्रकाशित किया गया है. CERN के एंटीमैटर फ़ैक्टरी से प्रोटॉन ट्रांसपोर्ट के एक पेपर में इसका जिक्र हुआ है. इसके मुताबिक दो मीटर लंबा कंटेनमेंट डिवाइस बनाया गया और इसे प्रयोगशाला में वापस लाने से पहले चार किलोमीटर तक सफलतापूर्वक चलाया गया. बता दें कि एंटीमैटर को ले जाने के लिए विशेष परिस्थितियों और कंटेनमेंट डिवाइस की आवश्यकता होती है. यह एक ऐसा पदार्थ है जो धूल के कणों के संपर्क में आने पर गायब हो जाता है. ऐसे में कंटेनर के लिए वैज्ञानिकों ने एंटीमैटर को अलग करने के लिए चुंबकीय जाल का इस्तेमाल किया. जिसके लिए पर्याप्त बिजली और नियंत्रित वातावरण की आवश्यकता होती है.
एंटीमैटर क्या है
रिपोर्ट के मुताबिक हम अपने आसपास जो कुछ भी देखते हैं, वह सामान्य पदार्थ है. एंटीमैटर उसके विपरीत होता है. दोनों के बीच मुख्य अंतर यह है कि एक पार्टिकल और उसके एंटीपार्टिकल में विपरीत चार्ज होता है. यह सुनने में जितना आसान है, उसके नतीजे उतने ही भयानक. अगर एंटीमैटर के कण सामान्य पदार्थ, यहां तक कि हवा को भी छूते हैं, तो वे ऊर्जा के विस्फोट में एक दूसरे को नष्ट कर देते हैं. मतलब यह कि एंटीमैटर का अस्तित्व क्षणभंगुर होता है. एंटीमैटर को बनाना मुश्किल है और उसकी स्टडी और भी मुश्किल. दुनिया में कुछ ही जगहें हैं जो लगातार एंटीमैटर बना सकती हैं. CERN का एंटीप्रोटॉन डिसेलेरेटर उनमें से एक है. बता दें कि एंटीमैटर $62,000,000,000,000 लागत के साथ पृथ्वी की सबसे महंगी चीज है.