Black Hole: धरती से 6 अरब लाइट इयर दूर एक आकाशगंगा के केंद्र में स्थित यह विशाल ब्लैक होल सूर्य के द्रव्यमान(Mass)से 36 अरब गुना ज्यादा होने का अनुमान है. यह शानदार खोज कॉस्मिक हॉर्सशू नाम की एक चीज से हुई. यह एक तरह का Gravitational Lens है जिसे पहली बार 2007 में देखा गया था. रियो ग्रांडे डो सुल के संघीय विश्वविद्यालय के भौतिकी संस्थान के कार्लोस आर. मेलो-कार्नेइरो के नेतृत्व में किए गए नए शोध में इस ब्लैक होल की पहचान की गई.
कॉस्मिक हॉर्स-शू क्या है?
कॉस्मिक हॉर्स-शू एक खास तरह का लेंस है. इसमें बहुत ही बड़ी आकाशगंगा का गुरुत्वाकर्षण बल, उसके पीछे मौजूद किसी दूर की Milkyway की रोशनी को भी मोड़ देता है. जब ऐसा होता है तो इसके चारों तरफ एक चमकता हुआ आर्क दिखाई देता है जिसे आइंस्टीन रिंग(Einstein Ring)कहते हैं. जिस मिल्की-वे के कारण यह रोशनी मुड़ती है उसका नाम LRG 3-757 है. यह न केवल बड़ा है बल्कि आकाशगंगा से भी लगभग 100 गुना अधिक बड़ा है.
कैसे मापा जाता है ब्लैक होल?
दरअसल सबसे बड़े ब्लैक होल को मापना बहुत ही चुनौती भरा होता है. आमतौर पर शोधकर्ता आस-पास के तारों और गैस की गति पर निर्भर होते हैं. लेकिन फिर भी इतनी अधिक दूरी पर जो 5 अरब लाइट इयर से भी ज्यादा है, ऐसे में किसी भी चीज को सीधा देख पाना बहुत ही मुश्किल होता है.
इतना बड़ा क्यों है ब्लैक होल?
इस बात की संभावना अधिक है कि LRG 3-757 आकाशगंगा का पहले कई बार दूसरी आकाशगंगाओं से टकराव हुआ होगा या फिर वह आपस में ही मिल गई होंगी. इस प्रक्रिया को स्कोअरिंग के रूप में जाना जाता है. खगोलविद इस बात का भी अंदेशा जता रहे हैं कि यह ब्लैक होल किसी पुराने क्वासर का बचा हुआ हिस्सा हो सकता है. क्वासर शुरुआती ब्रह्मांड का ब्लैक होल था.