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शुभांशु शुक्ला जी, धरती पर फिर से स्वागत है! जानें समंदर को चूमने के बाद कैप्सूल कैसे खुलेगा?

Journey From ISS Route to Earth: क्या आप जानते हैं धरती से 400 किमी से भी ज्यादा ऊपर ISS (international space station) से निकलने के बाद शुभांशु शुक्ला का यान धरती पर कैसे पहुंचेगा? यह धीरे-धीरे धरती की कक्षा में नीचे आता जाएगा. ऑर्बिट से हटने के बाद यह अपने ट्रंक (कार्गो वाले हिस्से) को अलग करेगा. अब कैप्सूल वातावरण में तेजी से घर्षण के साथ घुसेगा. आगे पैराशूट खुलेगा और वेलकम टू अर्थ. 

शुभांशु शुक्ला जी, धरती पर फिर से स्वागत है! जानें समंदर को चूमने के बाद कैप्सूल कैसे खुलेगा?
Anurag Mishra|Updated: Jul 15, 2025, 09:54 AM IST
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Shubhanshu Shukla News: जब घर का बेटा या बेटी परदेस जाता है तो घरवालों को तब तक नींद नहीं आती, जब तक वह सुबह अपने कर्मक्षेत्र तक नहीं पहुंच जाता. आज पूरे भारत का यही हाल है. वैसे भी अपने शुक्ला जी कर्मक्षेत्र से घर यानी धरती पर लौट रहे हैं. जी हां, शुभांशु शुक्ला 408 किमी ऊपर धरती की परिक्रमा कर रहे अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन से धरती पर लौट रहे हैं. क्या कानपुर, क्या तिरुवनंतपुरम, सूरत हो या ईंटानगर, कश्मीर हो या काशीपुर... भारत का हर बाशिंदा इस समय आत्मविश्वास से लबरेज शुक्ला जी का स्वागत करने की तैयारी कर रहा है. 140 करोड़ लोगों की नजरें अब कैलिफोर्निया के तट की तरफ हैं. करीब 22.5 घंटे का सफर तय करके शुभांशु शुक्ला अपने तीन साथियों के साथ झूमते हुए उतरेंगे. हालांकि कैप्सूल के समंदर में उतरने के बाद भी गेट झट से नहीं खोला जाएगा. जानते हैं ऐसा क्यों? 

दरअसल, ये प्रक्रिया एक चरणबद्ध तरीके से होकर गुजरती है. ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट धरती के वातावरण में प्रवेश करने से पहले भीषण गर्मी का सामना करेगा. इससे पहले कैप्सूल धरती की निचली कक्षा में धीरे-धीरे आता है. आखिर में चार छतरियों की मदद से रफ्तार कम होगी और निश्चित जगह पर छपाक से पैराशूट की मदद से कैप्सूल समंदर को चूमेगा. उस समय भारतीय समयानुसार मंगलवार को दोपहर के 3 बज रहे होंगे. ये नजारा हर भारतीय के लिए गर्व से सराबोर करने वाला होगा. आगे चार तस्वीरों में समझिए कि मंगलवार को जब शुक्ला जी का यान समंदर में उतरेगा तो आगे क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी. 

1. ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट का गेट सीधे नहीं खोला जाता?

जी हां, तकनीकी रूप से दक्ष एक शख्स इस कैप्सूल पर चढ़ेगा और दोनों तरफ से एक रस्सीनुमा चीज से इसे बांधेगा. गेट खोलने की प्रक्रिया काफी बाद में की जाती है. (नीचे तस्वीर देखिए)

2. ड्रैगन को समंदर में कहां ले जाएंगे?

नावों की मदद से इसे शिप के करीब ले जाया जाएगा. आगे दो रस्सियों से उठाकर इसे एक कटोरीनुमा चीज पर रखा जाएगा जिससे इसका संतुलन बना रहे. इसके बाद साइंटिस्टों की टीम शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथियों को अंदर से निकालने के लिए आगे बढ़ेगी. दरअसल, जब कैप्सूल जमीन पर उतरता है तो चार पैरों पर लैंड करता है और वहीं पर अंतरिक्षयात्रियों को निकाल लिया जाता है लेकिन पानी में उतरने पर प्रक्रिया थोड़ी अलग होती है. 

3. कैप्सूल का गेट खुलने पर पहले क्या होगा?

जब सुनीता विलियम्स कुछ हफ्ते पहले ISS (अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन) से आई थीं तो उनके कैप्सूल का गेट खोलने के बाद सबसे पहले एक साइंटिस्ट ने अंदर की तस्वीर ली थी. तस्वीरों में यान को हुए नुकसान का आकलन किया जाता है. इसी दौरान एक कर्मचारी भीतर जाएगा और स्पेस से लौटे अंतरिक्षयात्रियों को बाहर निकालने में मदद करेगा. 

4. कैप्सूल से बाहर लिटाकर क्यों निकाले जाएंगे शुभांशु शुक्ला?

हां, इसकी एक खास वजह है. स्पेस का वातावरण धरती से काफी अलग होता है. ज्यादा समय रहने पर स्पेस यात्री चलना भी भूल जाते हैं. खैर, शुभांशु को स्ट्रेचर की मदद से कैप्सूल से निकालकर ले जाया जाएगा. 

पानी में Splashdown कैसे होगा, अभी देख लीजिए

(सभी तस्वीरें कुछ महीने पहले सुनीता विलियम्स के कैप्सूल की हैं)

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