Ghost galaxy: खगोलविदों का मानना है कि उन्होंने एक 'भूतिया' आकाशगंगा खोजी है जो कुछ और नहीं बल्कि गैस का एक तेज़ गति से चलने वाला बादल है जो छोटा है और जिसमें कोई तारा नहीं है. यह एक अंधेरी आकाशगंगा है. शोधकर्ताओं का कहना है कि ये अबतक छिपी हुई थी. वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर आकाशगंगा वास्तव में मौजूद है, तो यह रहस्यमय लापता उपग्रह की समस्या को हल करने में मदद कर सकती है. ये स्टडी रिपोर्ट 18 अप्रैल को साइंस एडवांस में प्रकाशित हुई.
रिसर्चर्स की एक इंटरनेशनल टीम ने चीन के विशाल FAST रेडियो टेलीस्कोप का उपयोग करते समय आकाशगंगा में कुछ अजीबोगरीब नजारा देखा. उन्होंने अपनी जांच में पाया है कि उनका देखा गया ऑबजेक्ट AC G185.0–11.5 है, जिसमें कॉम्पैक्ट हाइड्रोजन बादल है. AC-I एक गैस बादल है जो घूमता है. बादल में मौजूद गैस एक डिस्क के आकार में व्यवस्थित होती है जो आकाशगंगा की तरह दिखती है. AC G185.0–11.5 में केवल हाइड्रोजन गैस होती है, जिसमें कोई रोशनी नहीं होती, कोई तारा नहीं होता. यही कारण है कि इसे अंधेरी आकाशगंगा कहा जाता है. टीम का मानना है कि एक विशाल डार्क मैटर प्रभामंडल इस बादल को एक साथ बांधे रखता है.
क्या डार्क आकाशगंगाएं वास्तविक हैं?
डार्क आकाशगंगाएं अब तक केवल सिद्धांत में ही मौजूद थीं. लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि AC G185.0–11.5 में बहुत सारा डार्क मैटर है और कोई तारा नहीं है. हालांकि अन्य ऐसी आकाशगंगाओं में तारे हो सकते हैं, लेकिन वे दिखाई नहीं देते. उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि ये एक आकाशगंगा है, भले ही इसमें कोई तारा न हो, क्योंकि ये उन मापदंडों के आधार पर है जो इसे पूरा करते हैं.
ये बादल पृथ्वी से करीब 278,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है. इसका मतलब है कि यह हमारी आकाशगंगा की पड़ोसी है. इसका द्रव्यमान भी एक आकाशगंगा की परिभाषा में फिट बैठता है. टीम का कहना है कि AC G185.0–11.5 एक आकाशगंगा के लिए अब तक का सबसे अच्छा सबूत है जो पूरी तरह से गैस और बादल है लेकिन उसमें कोई तारा नहीं है.