Cryogenic Engine Test: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने अपने लॉन्च व्हीकल मार्क 3 प्रक्षेपण यान के छठे परिचालन मिशन एलवीएम एम6 के लिए क्रायोजेनिक इंजन हॉट टेस्टिंग सफलतापूर्वक पूरा किया है. यह परीक्षण तमिलनाडु के महेंद्रगिरि स्थित इसरो प्रपल्शन कॉम्प्लेक्स आईपीआरसी में किया गया. इसरो ने बयान में कहा कि हर मिशन के लिए क्रायोजेनिक इंजन को उड़ान से पहले स्वीकृति प्रक्रिया के तहत इस तरह के परीक्षणों से गुजरना होता है. इस परीक्षण का उद्देश्य इंजन की गुणवत्ता और उप प्रणालियों की कार्यक्षमता का आकलन करना था.
स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन (सीई20)
एलवीएम 3 इसरो द्वारा विकसित तीन चरणों वाला मध्यम उत्तोलक प्रक्षेपण यान है जो विशेष रूप से भारी उपग्रहों को कक्षा में स्थापित करने के लिए बनाया गया है. इसरो ने बताया कि अब तक क्रायोजेनिक ऊपरी चरण में प्रयुक्त होने वाले स्वदेशी क्रायोजेनिक इंजन (सीई20) के हॉट टेस्टिंग आईपीआरसी के उच्च ऊंचाई परीक्षण (एचएटी) सुविधा में किए जाते थे जहां निर्वात परिस्थितियों को सिमुलेट करने के लिए जटिल सेटअप का उपयोग किया जाता था. इस वजह से परीक्षण अवधि 25 सेकंड तक सीमित रहती थी.
नोजल प्रोटेक्शन सिस्टम का उपयोग
हालांकि इस बार पहली बार 100 सेकंड की लंबी अवधि के लिए इंजन का परीक्षण किया गया और इसमें गैर निर्वात स्थितियों में एक नवाचार ‘नोजल प्रोटेक्शन सिस्टम’ का उपयोग किया गया. इस नई तकनीक से परीक्षण सेटअप का समय और श्रम कम हुआ है जिससे भविष्य में क्रायोजेनिक चरणों को अधिक तेजी से तैयार किया जा सकेगा. इसरो के अनुसार परीक्षण के दौरान इंजन का प्रदर्शन सभी अपेक्षित मानकों पर खरा उतरा और परीक्षण के दौरान सभी प्रमुख पैरामीटर अनुमानों से मेल खाते रहे.
अब इस इंजन को एलवीएम 3 एम6 मिशन के क्रायोजेनिक ऊपरी चरण में एकीकृत किया जाएगा. यह मिशन वर्ष 2025 की दूसरी छमाही में निर्धारित किया गया है. जो इसरो की भविष्य की अंतरिक्ष उड़ानों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा. एजेंसी इनपुट