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ब्लैक होल के अंदर मौजूद है हमारा ब्रह्मांड! वैज्ञानिकों की नई थ्योरी ने हिला दी साइंस की दुनिया

Big Bang Theory: ब्रिटेन में हुए एक अध्ययन में बिंग बैंग की थ्योरी को चुनौती दी गई है. इसमें कहा गया कि हमारा ब्रह्मांड दरअसल ब्लैक होल के अंदर ही मौजूद है. आइए जानते हैं कि इस नए मॉडल का क्या कहना है.   

ब्लैक होल के अंदर मौजूद है हमारा ब्रह्मांड! वैज्ञानिकों की नई थ्योरी ने हिला दी साइंस की दुनिया
Shubham Pandey|Updated: Jun 19, 2025, 08:37 AM IST
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Black Holes: ब्रिटेन के वैज्ञानिकों के एक नए अध्ययन ने Bing Bang Theory पर सवाल उठाते हुए यह सुझाव दिया है कि ब्रह्मांड किसी विस्फोट के बार नहीं शुरु हुआ होगा. पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा फिजिकल रिव्यू डी में प्रकाशित शोध में इस विचार को सामने रखा गया है. इसमें ये भी कहा गया है कि हमारा यूनिवर्स एक ब्लैक होल के अंदर मौजूद है. 

ब्लैक होल यूनिवर्स
वैज्ञानिकों की टीम का मानना है कि ब्रह्मांड की उत्पत्ति एक विशाल गुरुत्वाकर्षण पतन(Gravitational Collapse)के कारण हुई थी जिसने एक विशाल ब्लैक होल का निर्माण किया था. Black Hole Universe नाम का यह सिद्धांत पुराने विचार से बिल्कुल उलट है कि ब्रह्मांड अनंत घनत्व वाले बिंदु से आया है(Singularity). नया विचार कहता है कि ब्लैक होल के अंदर का पदार्थ कंप्रेस्ड हो गया और फिर स्प्रिंग की तरह बाहर उछाला. माना जाता है कि इसी उछाल के कारण ब्रह्मांड अस्तित्व में आया था.

बनता है नया ब्रह्मांड
यह विचार बताता है कि ब्रह्मांड शून्य से नहीं बना है.  बल्कि यह खत्म होने और फिर से विस्तार होने के चक्र से जुड़ा हुआ है. इस अध्ययन ने ब्रह्मांड की शुरुआत के बारे में लंबे समय से चले आ रहे विचारों को चुनौती दी है. प्रोफेसर एनरिक गजटानागा के अनुसार, जब ग्रैविटी के कारण पदार्थ ढह जाता है, जिसे Gravitational Collapse भी कहते हैं, तो यह हमेशा अनंत घनत्व के बिंदु पर खत्म नहीं होता. इसके बजाय यह बहुत घना हो सकता है और उछलकर एक नया ब्रह्मांड बना सकता है.

ब्रह्मांड का किनारा
इस थ्योरी के अनुसार हमारे ब्रह्मांड का किनारा  ब्लैक होल का इवेंट क्षितिज है. यह वह सीमा है जो हमें यह देखने से रोकती है कि उसके बाद क्या है. आपको बता दें कि बिग बैंग थ्योरी कहती है कि हमारा पूरा ब्रह्मांड लगभग 14 अरब साल पहले एक छोटे से बिंदु से शुरु हुआ था. इसके बाद अचानक विस्फोट की तरह यह बिंदु फैला और सभी दिशाओं में फैलने लगा. इसके बाद लाखों-करोड़ों सालों में हमारी धरती, तारे, ग्रह और आकाशगंगाएं बनने लगी.

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