Adolf Hitler: अल्बर्ट आइंस्टीन दुनिया के कई सारे प्रभावशाली लोगों के बारे में अक्सर चिट्ठियां लिखा करते थे. ऐसी ही एक चिट्ठी में उन्होंने Second World War से पहले जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर को लेकर आगाह किया था. बता दें कि जर्मनी में पैदा हुए आइंस्टीन यहूदी धर्म के थे. इन लोगों से जर्मन तानाशाह हिचलर और नाजी पार्टी के लोग नफरत करते थे.
नाजी विचारधारा से नफरत
Albert Einstein को नाजियों की विचारधारा जरा भी पसंद नहीं थी. वह नाजियों की विचारधाराओं से बहुत नफरत करते थे. एक चिट्ठी में आइंस्टीन ने 'हिटलर जैसी सनक' का भी जिक्र किया था. इसके बाद 1933 में आइंस्टीन ने अपनी जर्मन नागरिकता का त्याग कर दिया. यह फैसला उन्होंने हिटलर के चांसलर बनने के बाद लिया था जिसके बाद वह अमेरिका चले गए.
मदद की कोशिश
जर्मनी को छोड़ने का निर्णय काफी हद तक उस समय के जर्मन नाजीवाद का उदय होना और यहूदियों के प्रति विरोध की भावना की वजह से लिया था. दूसरे विश्व युद्ध के दौरान आइंस्टीन ने यूरोपीय यहूदियों को अमेरिका का वीजा दिलाने के लिए कई सारे हलफनामे भी लिखे. इसके अलावा उन्होंने जर्मनी के कई सारे सम्मानों को भी ठुकराया.
जर्मनी से नाता तोड़ा
दूसरा विश्व खत्म होने के बाद आइंस्टीन ने खुद को किसी भी तरह से जर्मनी से जुड़ने से मना कर दिया और साथ ही उन्होंने जर्मनी के कई सारे सम्मानों को भी ठुकरा दिया और लेने से इंकार कर दिया. वह जर्मनी को होलोकॉस्ट के लिए कभी भी माफ नहीं कर पाए जिसमें एक आंकड़े के अनुसार 60 लाख यहूदियों को मार दिया गया था. 1944 में आइंस्टीन ने लिखा था कि, नाजी पार्टी के पीछ जर्मन जनता खड़ी है जिसने हिटलर को चुना, जबकि उसने अपनी पुस्तकों और भाषणों में अपने इरादे पहले ही साफ कर दिए थे.