S Somnath statement: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व अध्यक्ष एस सोमनाथ ने ‘महासलिला’ और ‘सूर्य सिद्धांत’ जैसे प्राचीन ग्रंथों का हवाला देते हुए बड़ा बयान दिया है. भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के 60वें वार्षिक दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए सोमनाथ ने शोध संगठनों, शिक्षा जगत और उद्योग के बीच संबंध की आवश्यकता पर बल दिया. सोमनाथ ने कहा, 'भारत हमेशा से एक महान राष्ट्र रहा है जिसने वेदों के समय से लेकर आज के उन्नत वैज्ञानिक युग तक ब्रह्मांड के बारे में दुनियाभर में समझ पैदा करने में योगदान दिया है.'
भारत की समृद्ध और गौरवशाली ज्ञान परंपरा
सोमनाथ ने कहा, ‘इस मौके पर मैं भारत की समृद्ध और गौरवशाली ज्ञान परंपरा पर प्रकाश डालना चाहूंगा. वेदों से लेकर आधुनिक वैज्ञानिक युग तक, भारत हमेशा ब्रह्मांड के संबंध में दुनियाभर में समझ पैदा करने में योगदान देने वाला एक महान राष्ट्र रहा है.'
दो साल पहले का वो वाकया...
इसरो के पूर्व प्रमुख एस सोमनाथ ने करीब दो साल पहले दावा किया था कि भारतीय वेदों (Indian Vedas) से विज्ञान की खोज हुई है. तब उनके इस बयान को लेकर बवाल मच गया था. सोमनाथ ने कहा था- 'भारतीय वेदों से विज्ञान की खोज हुई. अरब देशों के माध्यम से विज्ञान यूरोप पहुंचा. बाद में यूरोप के देशों ने इसे मॉर्डन साइंस बताकर पेश किया था.'
वैज्ञानिकों और शोधकर्ताओं द्वारा मिलकर बनाई गई संस्था ब्रेकथ्रू साइंस सोसाइटी (BSS) ने इसका विरोध किया था. उनका कहना है कि इसरो प्रमुख का बयान सच्चाई से दूर है. अगर सच में ऐसा हुआ है तो फिर इसरो प्रमुख ये बताएं कि वेदों से लिए गए कौन से ज्ञान का इस्तेमाल इस वक्त रॉकेट बनाने में किया जा रहा है. (भाषा)