Gandhi and Albert Einstein: दूसरे विश्व युद्ध के दौरान होने वाली भयंकर हिंसा के दौरान अपने घर में लगी न दोनों पोर्ट्रेट के स्थान पर दो नई तस्वीरें टांग दीं. इनमें से एक तस्वीर महात्मा गांधी की थी. इसे साफ करते हुए Einstein ने कहा था अब समय आ गया है कि हम सफलता की तस्वीरों की जगह सेवा की तस्वीरों को जगह दें.
अल्बर्ट श्वाइटजर की तस्वीर
लेकिन यह भी सोचने वाली बात है कि गांधी के साथ आइंस्टीन ने श्वाइटजर की ही तस्वीर क्यों लगाई? इसपर आइंस्टीन ने कहा था पश्चिम में अकेले अल्बर्ट श्वाइटजर ही हैं जिनका इस पीढ़ी पर वैसा ही प्रभाव पड़ा जिसकी तुलना गांधी से की जा सके. सफलता की जगह सेवा को ही आदर्श घोषित कर देने वाले आइंस्टीन के जीवन में यह बड़ा बदलाव था.
आइंस्टीन के आदर्श ने क्या कहा?
Einstein के आदर्श श्वाइटजर ने गांधी के बारे में अपनी किताब इंडियन थॉट एंड इट्स डेवलपमेंट में लिखा था कि गांधी का जीवन अपने आप में एक संसार है और गांधी ने बुद्ध की शुरु की हुई यात्रा को ही जारी रखा. हालांकि आइंस्टीन और गांधी कभी एक-दूसरे से नहीं मिले. लेकिन एक चिट्ठी में इस महान वैज्ञानिक ने लिखा था कि, अपने कारनामों से आपने बता दिया है कि हम अपने आदर्शों को हिंसा का सहारा लिए बिना भी हासिल कर सकते हैं.
लगाई महात्मा गांधी की तस्वीर
महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टीन के कमरे में पहले वैज्ञानिक न्यूटन और जेम्स मैक्वेल की पोट्रेट लगी थी जिसे Second World War के बाद आइंस्टीन ने दो नई तस्वीरें टांग दीं। पहली मानवतावादी अल्बर्ट श्वाइटजर और दूसरी महात्मा गांधी की. Albert Einstein ने एक बार कहा था, आने वाली नस्लें मुश्किल से ही विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस का कोई ऐसा व्यक्ति भी धरती पर चलता-फिरता था.
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