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धरती तक 'आग' फेंकने वाला सूरज तो अंदर से ठंडा निकला! सबसे बड़े टेलिस्कोप की खींची तस्वीरों ने चौंकाया

Worlds Largest Solar Telescope: दुनिया के सबसे बड़े सोलर टेलीस्कोप 'डैनियल के इनौये' ने सूर्य की सतह की कई चौंकाने वाली तस्वीरें कैद की हैं. इस हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीर में विशाल सनस्पॉट का एक संग्रह भी दिखाई दे रहा है.

धरती तक 'आग' फेंकने वाला सूरज तो अंदर से ठंडा निकला! सबसे बड़े टेलिस्कोप की खींची तस्वीरों ने चौंकाया
Md Amjad Shoab|Updated: May 04, 2025, 04:42 PM IST
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Worlds Largest Solar Telescope: दुनिया के सबसे बड़े सोलर टेलीस्कोप 'डैनियल के इनौये' ने सूर्य की सतह की शानदार तस्वीर कैद की है,  जिसमें सूर्य के धब्बे व तेज़ चुंबकीय गतिविधियां दिख रही हैं. हाल ही में जारी की गई यह तस्वीर ऐसे वक्त में आई है जब सूर्य अपने 11 साल की सौर चक्र के सबसे एक्टिव फेज की तरफ बढ़ रहा है. खास बात यह है कि यह यू.एस. नेशनल साइंस फाउंडेशन के नए विजिबल ट्यूनेबल फिल्टर (VTF) से ली गई पहली तस्वीर भी है.

दिसंबर की शुरुआत में ली गई हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीर में विशाल सनस्पॉट का एक संग्रह भी दिखाई दे रहा है, जो आकार में महज 10 किलोमीटर की दूरी पर है. हालांकि, यह हज़ारों मील तक फैला हुआ है. तस्वीर में दिए गए सनस्पॉट से पता चलता है कि यह हर एक पृथ्वी पर एक महाद्वीप के आकार का है.

वहीं, अंतर्राष्ट्रीय सौर चक्र पूर्वानुमान पैनल ( International Solar Cycle Forecast Panel ), नासा और नेशनल ओसियन और एटमोसफेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के वैज्ञानिकों ने अक्टूबर में बताया था की कि सूर्य अपनी  अधिकतम सौर या गतिविधि के शिखर पर पहुंच गया है. यही कारण है कि शिखर के दौरान सूर्य के चुंबकीय ध्रुव उलट जाते हैं, जिससे इसकी सतह पर ज्यादा सनस्पॉट दिखाई देते हैं.

बड़े सौर विस्फोटों की वजह 
ये सनस्पॉट सूर्य पर ठंडे एक्टिव इलाके हैं जो सौर ज्वालाओं और कोरोनल मास इजेक्शन (CME) जैसे बड़े सौर विस्फोटों की वजह बन सकते हैं. हालांकि, जब ये सौर विस्फोट होते हैं, तो वे स्पेस में आवेशित कणों  ( charged particles ) को बाहर निकालते हैं और अगर ये कण जमीन पर पहुंचते हैं तो वे उपग्रहों में रूकावटें पैदा कर सकते हैं. साथ ही, ये बिजली की आपूर्ति और जीपीएस और फोन सिग्नल को भी प्रभावित कर सकते हैं.

'हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर सकते हैं'
एनएसएफ इनौये सोलर टेलीस्कोप के वैज्ञानिक फ्रेडरिक वोएगर ने कहा, '1800 के दशक में एक सौर तूफान (कैरिंगटन घटना) कथित तौर पर इतना ऊर्जावान था कि इससे टेलीग्राफ स्टेशनों में आग लग गई थी. हमें इन घटनाओं के भौतिक चालकों को समझने की जरूरत है और यह भी कि वे हमारी तकनीक और आखिरकार हमारे जीवन को कैसे प्रभावित कर सकते हैं.'

'सूर्य की सतह के बाकी हिस्सों की तुलना में गहरे और ठंडे' 
कोलोराडो बोल्डर यूनवर्सिटी में एनवायरमेंटल साइंस रिसर्च के लिए कोऑपरेटि इंस्टीट्यूशन के रिसर्च साइंटिस्ट मार्क मीश ने कहा कि सूर्य के धब्बे चुंबकीय प्लग की तरह होते हैं जो सतह पर आने वाली कुछ गर्मी को रोकते हैं. उन्होंने कहा कि यही कारण है कि वे सूर्य की सतह के बाकी हिस्सों की तुलना में गहरे और ठंडे दिखते हैं.

हालांकि, उन्होंने इन सौर धब्बों की तुलना एक भट्टी से की. उन्होंने कहा, 'भले ही ये सौर धब्बे ठंडे हों, लेकिन फिर भी ये पृथ्वी पर मौजूद किसी भी भट्टी से ज़्यादा गर्म हैं.'

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