Annu Rani: जेवलिन थ्रो सुनते ही पहला भारतीय गोल्डन ब्वॉय नीरज चोपड़ा का नाम याद आता है. लेकिन अब एक और महिला सुपर स्टार इस खेल में साल दर साल बेमिसाल बनती दिख रही है. ये हैं अन्नु रानी जिन्होंने भुवनेश्वर में विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर में गोल्ड मेडल जीतकर सुर्खियां बटोर ली हैं. यह गोल्ड मेडल इकलौता नहीं है, उन्होंने एक हफ्ते में दो गोल् जीते हैं. एशियाई खेलों की चैंपियन अन्नू रानी ने पोलैंड में बुधवार को गोल्ड जीता था इसके बाद विश्व एथलेटिक्स कॉन्टिनेंटल टूर कांस्य स्तर की प्रतियोगिता में चैंपियन बनीं.
62 मीटर का थ्रो
32 साल की अन्नु ने चौथे प्रयास में 62.01 की दूरी नापकर गोल्ड अपने खाते में जोड़ा. अब उनका अगला टारगेट वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहला पदक जीतने पर है. अन्नु रानी के अलावा इस कॉम्पटीशन में कोई नहीं था जिसने 60 मीटर से लंबा भाला फेंका हो. अगले महीने टोक्यो ओलंपिक का आगाज होगा जिसपर अन्नु का फोकस पूरी तरह है. उन्होंने गोल्ड जीतने के बाद अपने फ्यूचर पर बात की.
क्या बोलीं अन्नु रानी?
अन्नु रानी ने कहा, 'पोलैंड से वापस आने के बाद मुझे काफी थकान थी, लेकिन मुझे बहुत खुशी है कि इसके बावजूद मैं दो बार 60 मीटर का आंकड़ा पार कर पाई. जब भी मैं भाला फेंकती हूं, यह आमतौर पर एक उच्च कोण पर होता है, इसलिए मुझे इसे सामने रखना होगा. दूसरा मेरा रनअप है जो मुझे इसे तेज और सहज बनाना होगा.'
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किससे मिला गुरुमंत्र?
अन्नु रानी ने कुछ समय के लिए जर्मन भाला फेंक खिलाड़ी जोहान्स वेटर के साथ भी प्रसिक्षण लिया था. उन्होंने उनको लेकर कहा, 'मैं थोड़ी आक्रामक हो रही थी और थ्रो पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पा रही थी, इसलिए वह मुझे शांत रहने और आराम करने के लिए कहते रहे. मुझे इस टक्कर में इतना मजा कभी नहीं आया जितना यहां आया. कई बार, मैं थोड़ा दबाव महसूस कर रही थी, लेकिन मुझे सभी लोगों से बहुत प्यार मिला और इससे मुझे अंत में मदद मिली.'