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Explained: क्या है आईपीएल ट्रेड? सैमसन-राजस्थान विवाद को इस तरह करेगा खत्म, डिटेल में जान लें नियम

What is IPL Trade: आईपीएल 2026 के शुरू होने में अभी लगभग आठ महीने का समय बाकी है. दिसंबर में मिनी ऑक्शन का आयोजन किया जा सकता है. उससे पहले टीम अपने कुछ खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर सकती हैं. अभी कुछ फ्रेंचाइजियों में बवाल मचा हुआ है.

Explained: क्या है आईपीएल ट्रेड? सैमसन-राजस्थान विवाद को इस तरह करेगा खत्म, डिटेल में जान लें नियम
Rohit Raj|Updated: Aug 09, 2025, 04:23 PM IST
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What is IPL Trade: आईपीएल 2026 के शुरू होने में अभी लगभग आठ महीने का समय बाकी है. दिसंबर में मिनी ऑक्शन का आयोजन किया जा सकता है. उससे पहले टीम अपने कुछ खिलाड़ियों को टीम से बाहर कर सकती हैं. अभी कुछ फ्रेंचाइजियों में बवाल मचा हुआ है. राजस्थान रॉयल्स और संजू सैमसन के बीच बड़ा विवाद सामने आया है. कप्तान ने अब टीम को छोड़ने का फैसला कर लिया है और इस बारे में फ्रेंचाइजी को बता दिया है.

सैमसन ने किया अनुरोध

सैमसन ने राजस्थान रॉयल्स से अनुरोध किया है कि उन्हें किसी टीम से ट्रेड किया जाए या ऑक्शन से पहले रिलीज कर दिया जाए. क्रिकेट फैंस के लिए रिलीज शब्द आम है. इसके तहत खिलाड़ियों को फ्रेंचाइजियां नीलामी से कुछ दिन पहले टीम से बाहर निकाल देती हैं और वे फिर से ऑक्शन में जाते हैं. दूसरी ओर, ट्रेड कुछ अलग है. एक दशक पहले आईपीएल में खिलाड़ियों का ट्रेड (व्यापार) एक बहुत ही दुर्लभ घटना थी. 

पहले भी हो चुकी है ट्रेडिंग

फ्रेंचाइजियां ज्यादातर अपनी नीलामी रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित करती थीं, टीमों के बीच खिलाड़ियों को फिर से व्यवस्थित करने के बजाय शुरुआत से टीम बनाने का लक्ष्य रखती थीं. ट्रेड काफी समय पहले से हो रहा है. इसके तहत केएल राहुल, अजिंक्य रहाणे, और ट्रेंट बोल्ट जैसे खिलाड़ियों ने टीमों को बदला, लेकिन ये ज्यादा ध्यान आकर्षित नहीं करते थे. हालांकि, यह धारणा तब काफी बदल गई जब हार्दिक पंड्या ने आईपीएल 2024 से पहले गुजरात टाइटंस से मुंबई इंडियंस में एक हाई-प्रोफाइल वापसी की. इस कदम ने न केवल सुर्खियां बटोरीं, बल्कि एक नए युग का भी संकेत दिया. टीमों ने ट्रेड को एक गंभीर, रणनीतिक उपकरण के रूप में मानना शुरू कर दिया. यह नीलामी के बराबर था.

ट्रेडिंग क्या है और यह कैसे काम करती है?

ट्रेडिंग एक सरल प्रक्रिया है, लेकिन यह बहुत जल्दी जटिल हो सकती है. इसके तहत खिलाड़ियों को नीलामी से पहले या नीलामी के बाद एक फ्रेंचाइजी से दूसरी फ्रेंचाइजी में ट्रांसफर किया जाता है. यह या तो नकद के लिए होता है या कुछ मामलों में किसी अन्य खिलाड़ी या कई खिलाड़ियों को देकर किसी दूसरे प्लेयर को लिया जाता है.

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हार्दिक का बंपर डील

गौरतलब है कि हार्दिक का मुंबई में जाना एक कैश डील थी. मुंबई ने हार्दिक के ट्रांसफर के लिए गुजरात को एक भारी शुल्क का भुगतान किया, लेकिन राशि का खुलासा नहीं किया गया था. दूसरी ओर, अधिकांश अन्य ट्रांसफर किसी अन्य खिलाड़ी के लिए थे. क्विंटन डी कॉक आईपीएल 2019 से पहले रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु से मुंबई में शामिल हुए. इसमें कोई पैसा या जिसे ट्रांसफर फीस शामिल नहीं था. उस सीजन में शिखर धवन भी एक ट्रेड डील पर दिल्ली डेयरडेविल्स (अब कैपिटल्स) में शामिल हुए थे. बदले में, दिल्ली ने अपने तीन खिलाड़ियों - विजय शंकर, शाहबाज नदीम और अभिषेक शर्मा को हैदराबाद की टीम में जाने दिया. 

ट्रेडिंग इतना आम क्यों हो रहा है?

एक खिलाड़ी का ट्रांसफर फुटबॉल में बेहद आम है. इसलिए यह सभी फ्रेंचाइजी के लिए एक नई अवधारणा नहीं है. अब एक नीलामी के बाद सभी फ्रेंचाइजी के लिए खुश रहना असंभव है. जैसे ही चीजें गलत होने लगती हैं, हर कोई जल्दी से बदलाव की तलाश करता है और इसलिए ट्रेडिंग एक रोमांचक विकल्प बन जाता है.

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मुंबई ने किया हैरान, कोलकाता लेगी बड़ा फैसला

मुंबई बहुत अच्छी तरह से जानता था कि उन्हें एक भारतीय ऑलराउंडर की जरूरत है और इसलिए उन्हें साइन करने के लिए बहुत सारा पैसा खर्च किया. सभी फ्रेंचाइजी अब इसी मानसिकता में हैं. उदाहरण के लिए, कोलकाता नाइट राइडर्स ने आईपीएल 2025 की नीलामी में वेंकटेश अय्यर को साइन करने के लिए 24.75 करोड़ रुपये खर्च किए थे. वेंकटेश का बल्ला नहीं चला था और टीम अब उन्हें ट्रेड करने या रिलीज करने के बारे में सोच रही है.

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