दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज क्रिकेटर और पूर्व कप्तान शॉन पोलाक ने कहा कि आईसीसी क्रिकेट समिति गेंदबाजों को वाइड पर थोड़ी अधिक छूट देने की दिशा में काम कर रही है, क्योंकि मौजूदा नियम उन पर बहुत सख्त है, विशेषकर तब जबकि बल्लेबाज आखिरी क्षणों में मूवमेंट करते हैं. वनडे और टी20 में बल्लेबाज गेंदबाज की लाइन और लेंथ को बिगाड़ने के लिए क्रीज पर अंतिम पलों में मूवमेंट करते हैं जिससे अक्सर गेंद वाइड हो जाती है.
बल्लेबाजों के शुरू होंगे बुरे दिन!
शॉन पोलाक ने कहा, ‘मैं आईसीसी क्रिकेट समिति का हिस्सा हूं और हम वाइड गेंद पर गेंदबाजों के लिए कुछ और छूट लाने पर विचार कर रहे हैं. मुझे लगता है कि इसको लेकर नियम गेंदबाजों के प्रति बहुत सख्त हैं. अगर कोई बल्लेबाज आखिरी मिनट में उछलता है, तो यह वास्तव में गेंदबाजों के लिए आदर्श स्थिति नहीं होती है. मुझे लगता है कि एक गेंदबाज को अपने रन अप की शुरुआत में यह जानना जरूरी है कि वह कहां गेंदबाजी कर सकता है.’
बॉलर्स के लिए अब ये नया नियम लाने की तैयारी में ICC
पोलाक ने कहा, ‘मौजूदा नियमों के अनुसार अगर गेंदबाज के गेंद छोड़ने से तुरंत पहले बल्लेबाज अपनी जगह बदलता है तो इससे गेंद वाइड दे दी जाती है. मैं इस नियम में थोड़ा बदलाव चाहता हूं.’ इस 51 वर्षीय ऑलराउंडर ने कहा कि गेंदबाजों को रन अप के समय पता होना चाहिए कि उसे कहां गेंदबाजी करनी है.
गेंदबाजों को मिलेगा फायदा
पोलाक ने कहा, ‘मैं चाहता हूं कि एक गेंदबाज को रन अप के समय पता होना चाहिए कि उसे कब, क्यों या कैसी गेंद करनी है. एक गेंदबाज से यह उम्मीद कैसे की जा सकती है कि वह गेंदबाजी करते समय आखिरी सेकंड में अपनी रणनीति बदल देगा. उसे पहले ही स्पष्ट रूप से पता होना चाहिए कि उसे कहां गेंदबाजी करनी है. यह मुख्य पहलू है जिस पर हम चर्चा कर रहे हैं.’
अनुभव का लाभ उठाना चाहिए
पोलाक ने कहा कि दक्षिण अफ्रीका को आगामी चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान उपमहाद्वीप की परिस्थितियों में अपने खिलाड़ियों के अनुभव का लाभ उठाना चाहिए. पोलाक ने कहा, ‘हमारी टीम में अधिकतर वही खिलाड़ी शामिल हैं जो (वनडे) वर्ल्ड कप (2023) में खेले थे, जहां हम सेमीफाइनल में पहुंचे थे और ऑस्ट्रेलिया से हार गए थे.’
वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका
पोलाक ने कहा, ‘हमारी टीम में कई ऐसे खिलाड़ी हैं जो आईपीएल में खेलते रहे हैं और उपमहाद्वीप की परिस्थितियों से अच्छी तरह से अवगत हैं. इससे दक्षिण अफ्रीका को मदद मिल सकती है. हमारी टीम वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में जगह बना चुकी है और उम्मीद है कि कुछ युवा खिलाड़ी सामने आएंगे. इससे हमारी टेस्ट क्रिकेट को मजबूती मिलेगी.’