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गुस्से से भरे हुए पूर्व क्रिकेटर ने धोनी पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- मैं इस वजह से रिटायर होना चाहता था...

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी ने अब अपनी आलोचनाओं के घेरे में महेंद्र सिंह धोनी को भी खींच लिया है. मनोज तिवारी ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर पक्षपात का आरोप लगाया है.

गुस्से से भरे हुए पूर्व क्रिकेटर ने धोनी पर लगाए गंभीर आरोप, कहा- मैं इस वजह से रिटायर होना चाहता था...
Tarun Verma |Updated: Jan 25, 2025, 08:09 AM IST
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भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी ने अब अपनी आलोचनाओं के घेरे में महेंद्र सिंह धोनी को भी खींच लिया है. मनोज तिवारी ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी पर पक्षपात का आरोप लगाया है. मनोज तिवारी ने खुलासा किया कि साल 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे शतक लगाने के बावजूद उन्हें 14 मैचों के लिए बाहर कर दिया गया था, लेकिन विराट कोहली, रोहित शर्मा और सुरेश रैना जैसे खिलाड़ी खराब फॉर्म के बावजूद भी प्लेइंग इलेवन में बने रहे, वह भी सिर्फ धोनी की वजह से.'

धोनी पर पूर्व क्रिकेटर ने लगाए गंभीर आरोप

मनोज तिवारी ने 2006-07 के रणजी ट्रॉफी में 99.50 की औसत से रन बनाए, लेकिन चोटों के कारण उन्हें अपने इंटरनेशनल डेब्यू के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. हालांकि, 2008 में उनका इंटरनेशनल डेब्यू बहुत यादगार नहीं रहा. मनोज तिवारी ने 2011 में चेन्नई में वेस्टइंडीज के खिलाफ अपना पहला और एकमात्र वनडे शतक बनाया, लेकिन इस मैच के बाद उन्हें कई महीनों तक बेंच पर बैठना पड़ा. उस समय महेंद्र सिंह धोनी टीम के कप्तान थे.

सब कुछ कप्तान के फैसले के हिसाब से होता

मनोज तिवारी ने लल्लनटॉप से ​​कहा, 'वह (धोनी) कप्तान थे. टीम इंडिया कप्तान की योजना के अनुसार चलती है. स्टेट टीमों में चीजें अलग होती हैं, लेकिन टीम इंडिया में सब कुछ कप्तान के फैसले के हिसाब से होता है. अगर आप देखें, कपिल देव के समय में वह ही टीम चलाते थे. सुनील गावस्कर के समय में उनका ही फैसला चलता था. मोहम्मद अजहरुद्दीन के समय में भी यही हुआ. उसके बाद दादा और इसी तरह आगे भी. यह तब तक चलता रहेगा जब तक कोई सख्त प्रशासक आकर कोई कड़े नियम नहीं बनाता.'

युवा खिलाड़ी डरे हुए रहते थे

मनोज तिवारी ने अपने करियर के बारे में कहा, 'आप अजीत अगरकर (चीफ सेलेक्टर) को देखें और आपको लगता है कि वह कड़े फैसले ले सकते हैं. वह कोच से असहमत हो सकते हैं. जहां तक ​​मेरे शतक बनाने के बाद 14 मैचों के लिए बाहर किए जाने की बात है, अगर किसी खिलाड़ी को शतक बनाने के बाद बाहर किया जाता है, तो जाहिर है मैं इसका जवाब जानना चाहता हूं. शतक के बाद मेरी प्रशंसा की गई, लेकिन उसके बाद मुझे कोई आभास नहीं हुआ. उस समय, युवा खिलाड़ी डरे हुए रहते थे, जिनमें मैं भी शामिल हूं. अगर आप कुछ पूछते हैं, तो कौन जानता है कि इसे किस तरह से लिया जा सकता था? उनका करियर दांव पर है.'

'मैं रिटायर होना चाहता था...'

मनोज तिवारी ने कहा कि विराट कोहली, रोहित शर्मा और सुरेश रैना जैसे खिलाड़ी रन नहीं बना रहे थे, लेकिन खराब फॉर्म के बावजूद वे टीम में बने हुए थे. मनोज तिवारी ने कहा, 'उस समय टीम में विराट कोहली, सुरेश रैना और रोहित शर्मा जैसे खिलाड़ी थे. उसके बाद, जो दौरा हुआ, वे रन नहीं बना रहे थे और यहां मैं शतक बनाने और प्लेयर ऑफ द मैच जीतने के बाद भी प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं बना पाया. मुझे 14 मैचों के लिए बाहर कर दिया गया, जो छह महीने के अंतराल में हुए. उस समय बाहर किए गए खिलाड़ी को पर्याप्त अभ्यास नहीं मिला. मैं रिटायर होना चाहता था, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण ऐसा नहीं कर सका.' मनोज तिवारी वर्तमान में बंगाल की टीएमसी सरकार में खेल और युवा मामलों के राज्य मंत्री हैं.

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